MP में बुराड़ी की तरह लटकती लाशों पर बड़ा खुलासा, किस वजह से 5 लोग फंदे से झूल गए

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मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने फंदे से लटककर सामूहिक आत्महत्या कर ली. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मौत दम घुटने से हुई है. कोई चोट नहीं पाई गई.

 

मध्य प्रदेश का अलीराजपुर पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है. इसकी वजह दिल्ली में बुराड़ी जैसी घटना है. बुराड़ी की तरह यहां भी परिवार के सभी सदस्य फंदे से लटके पाए गए. पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. जानकारी के मुताबिक, पांच सदस्यों का परिवार कर्ज में डूबा हुआ था, जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली होगी.

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जांच के दौरान पता चला कि राकेश के पिता जगर सिंह पर विवाद के बाद हमला किया गया था. ऐसा संदेह है कि परिवार को उसके इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ा और जब वे भुगतान करने में असमर्थ रहे, तो उन्होंने अपनी दो एकड़ जमीन 45,000 रुपये में गिरवी रख दी।’ एसपी राजेश व्यास ने कहा, ‘हालांकि, यह बात सामने आई है कि उनका इलाज आयुष्मान योजना के तहत हुआ था.’

एसपी ने बताया कि परिवार के सदस्यों पर काफी कर्ज था, लेकिन उन्होंने कर्ज क्यों लिया इसका कारण अभी पता नहीं चल पाया है. 30 साल के किसान राकेश, उनकी 28 साल की पत्नी ललिता, सात साल के बेटे प्रकाश और 5 साल के बेटे अक्षय के शव फंदे से लटके मिले और 9 साल के बेटे- अलीराजपुर जिले की गुनेरी पंचायत के राउडी गांव में सोमवार सुबह वृद्ध बेटी लक्ष्मी मिली। वह अंदर फर्श पर पड़ा हुआ था, उसके गले में फंदा भी लगा हुआ था।

मामले का खुलासा तब हुआ जब राकेश के चाचा किसी काम से उसके घर पहुंचे। जब किसी ने गेट नहीं खोला तो उसने अंदर झांककर देखा। घर का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए। सीएमएचओ डाॅ. प्रकाश ढोके ने कहा कि पांच डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया और पाया कि सभी की मौत दम घुटने से हुई है. शवों पर चोट के कोई निशान नहीं हैं. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि राकेश ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर खुद फांसी लगा ली या इस अपराध में उसकी पत्नी भी शामिल थी.

राकेश दस शेड के घर में रहता था, जबकि उसके पिता पास में ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर में रहते थे। गांव के सरपंच ओमप्रकाश रावत ने कहा कि परिवार का किसी से कोई झगड़ा नहीं था और वे बहुत खुश मूड में थे. गांव में किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वे इतना बड़ा कदम उठा लेंगे. इस मामले ने 6 साल पहले दिल्ली के बुराड़ी केस की याद ताजा कर दी है.

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