Rewa news, पटवारी हो गये साहब कौन सुने किसान की पुकार चढ़ोत्तरी लेकर घूम रहे किसान, साहब का फिल्म राउडी राठौड़ जैसा हाल।
Rewa news, पटवारी हो गये साहब कौन सुने किसान की पुकार चढ़ोत्तरी लेकर घूम रहे किसान, साहब का फिल्म राउडी राठौड़ जैसा हाल।
विनोद सिंह, ब्यूरो
मऊगंज जिले के अनुभाग क्षेत्र हनुमना में बैठे ग्राम लेख अधिकारी जिन्हें किसान पटवारी साहब के नाम से संबोधित करते हैं। जिनके द्वारा ग्रामीणों के अचल सम्पत्ति भू-भाग जमीन का लेखा-जोखा का सारा हिसाब होता है, धरती का सीना चिर कर अनाज पैदा करने वाला अन्नदाता किसान पटवारी के कारनामों से तृहिमाम तृहिमाम करता फिरता रहता है, चाहे सोमवार को टीएल बैठक करलो। मंगलवार को जनसुनवाई हो। या बुधवार को पटवारी की मीटिंग लेलो पर पटवारी द्वारा किसान की जमीन भू-भाग का सीमांकन नहीं होने वाला, सीमांकन के लिए लगा आवेदन जिसका दिनांक 23-06-2023 से लेकर आज दिनांक 12-07-2024 बीत गई। पर आज तक उस जमीन का नाप सीमांकन नहीं हो पाया और न ही अतिक्रमण का प्रतिवेदन बन पाया।
फिल्म राउडी राठौड़ जैसा हाल।
ऐसे कारनामों के लिए विछरहटा के पटवारी उमेश प्रजापति का नाम सुर्खियों में रहता है। ये वरिष्ठ अधिकारी के लेख मौखिक आदेश को जहेन से ऐसे निकाल कर फेंक देते हैं जैसे शाम ढलते ही मैखानो पर पैमाने से लोग जाम छलका देते हैं।इनका काम ठीक अक्षय कुमार की फिल्म राऊडी राठौर की तरह है जिस काम को कहते है या वरिष्ठ अधिकारियों का आदेश होता है उसको ये डिफनेटली नही करते और जिस काम का आदेश नहीं है या पटवारी साहब मुह से नही बोलते उसको डिफनेटली करते है महीने मे कभी अचानक एकात घंटे के लिए अपने हल्का क्षेत्र मे आते है और चुपचाप निकल जाते है कि किसी किसान से उनकी मुलाकात न हो जाए।
भगवान भरोसे किसान।
किसानो द्वारा साहब को फोन लगाया जाता है तो कभी फोन रिसीव नहीं किया जाता और साहब न ही क्षेत्र मे रहते है किसान जाये तो कहा और किसके पास जाये क्योंकि आगर तहसील किसान जाता है तो खसरे की नकल B1 भू-स्वामी घोषणा पत्र की नकल इत्यादि अगर लेना है तो वहां से यही बताया जाता है की पटवारी साहब से मिलो और उनसे लो लो लेकिन पटवारी साहब मिलते ही नहीं तो अब कौन सा भगवान किसानों को राजस्व के दस्तावेज दे वैसे तो मध्य प्रदेश सरकार कहती है और विभागीय आदेश भी है की हल्का पटवारी अपने हल्का क्षेत्र में निवासरत रहेंगे और किसानों का हल्का में रहकर कार्य करेंगे लेकिन ना तो यह सरकार का और ना ही प्रशासन के अधिकारियों का कोई आदेश मानते हैं उन आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए यह कार्य करते है इनके और कारनामे है जो अगले अंक में प्रकाशित किया जाएगा।