CG News : इन सिटो पर क्षेत्रीय पार्टियाँ तय करती हैं कि कांग्रेस या बीजेपी की होगी जित
CG News : छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur)संभाग की राजनीति में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP)उम्मीदवारों की जीत और हार तय करती हैं छेत्रिय पार्टी संभाग के कुछ हिस्सों में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) तो कुछ हिस्सों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के रणनीतिकारों की नजर बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली और सारंगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्रों में बसपा और कोरबा जिले की सीटों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पर है। राज्य गठन के बाद से अब तक के चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो दोनों क्षेत्रीय दलों के प्रत्याशियों को मिले वोट ही भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए विधानसभा तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
मस्तूरी, बेलतरा और बिल्हा सीट पर जीत-हार में बहुजन समाज पार्टी अहम भूमिका निभाती रही है. मस्तूरी विधानसभा चुनाव परिणाम इसका गवाह है। जब भी कोई बसपा उम्मीदवार 20,000 वोटों का आंकड़ा पार कर जाता है, तो भाजपा की जीत सुनिश्चित हो जाती है। कम वोट कांग्रेस के लिए वरदान साबित होते हैं.
कमोबेश यही स्थिति बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की है। कैडर बेस पार्टी होने के नाते बसपा के पास बिलासपुर संभाग में अच्छी संख्या में प्रतिबद्ध मतदाता हैं। बिल्हा विधानसभा की भौगोलिक स्थिति जिले की अन्य विधानसभाओं से काफी अलग है। मुंगेली जिले के अंतर्गत पथरिया ब्लॉक का एक बड़ा हिस्सा बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में शामिल है।
जांजगीर-चांपा जिले में अलग-अलग समीकरण
जांजगीर-चांपा जिले का राजनीतिक प्रभाव काफी अलग है। जिले की छह विधानसभा सीटों पर बसपा का अच्छा प्रभाव है। पामगढ़ और जैजैपुर में बसपा प्रभावी भूमिका में नजर आ रही है। वर्तमान में इंदु बंजारे पामगढ़ से विधायक हैं। जैजैपुर सीट बसपा के प्रभाव वाली मानी जाती है. अकलतरा, जांजगीर, सक्ती में उनके प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई है।
बाहरी उम्मीदवारों के कारण
कांग्रेस की राजनीति में यह भी चर्चा में है कि पामगढ़ विधानसभा सीट से हर बार किसी बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया गया है। स्थानीय कार्यकर्ताओं के अलावा बाहरी लोगों को मतदाता स्वीकार नहीं कर रहे हैं. गोरेलाल बर्मन दो बार और शेषराज हरबंश को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था. तब बाहरी प्रत्याशी पर आरोप लगा था.
मौजूदा चुनाव में स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बनाने की मांग प्रखंड के पदाधिकारियों व कर्मियों ने की है. पामगढ़ में बाहरी उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी परेशान हैं तो वहीं बीजेपी पदाधिकारियों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में चंद्रपुर सीट पर उलटफेर हुआ. यहां से कांग्रेस के रामकुमार यादव चुनाव जीतने में सफल रहेरहे। बसपा दूसरे नंबर पर रही।
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