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भैंस की यह नस्ल हर दिन 16 लीटर दूध देती है, यही खास बात इस नस्ल की पहचान

जाफराबादी भैंस भारतीय नस्लों में से एक है जो अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। यह भैंस एक गाय में 3000 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है। इस नस्ल की खासियत यह है कि अगर इसे उचित और पौष्टिक आहार मिले तो यह एक दिन में 16 लीटर तक दूध दे सकती है।

रंग और आकार में भिन्नता

जाफराबादी भैंस के रंग में विविधता होती है, यह काले रंग और स्लेट रंग में पाई जाती है। इसका शरीर अन्य नस्लों की तुलना में बड़ा और मजबूत होता है। इसकी त्वचा मुलायम होती है और मुंह छोटा होता है, जो इसे खास बनाता है।

भौतिक विशेषताएं

जाफराबादी भैंस की विशेष शारीरिक विशेषताओं में इसके लंबे और घुमावदार सींग शामिल हैं, जो इसे अन्य नस्लों से अलग करते हैं। इसके कान लंबे होते हैं और इसकी पूंछ और खुर भी काले होते हैं। सिर और गर्दन का आकार भारी होता है और माथे पर सफेद माथे का निशान इसकी विशेष पहचान के रूप में जाना जाता है।

दुग्ध उत्पादन एवं कृषि में योगदान

जाफराबादी भैंस के अधिक दूध उत्पादन के कारण यह नस्ल किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसका दूध उत्पादन न केवल दैनिक आधार पर बल्कि पूरे वर्ष अच्छा रहता है, जिससे यह कृषि समुदाय के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बन जाता है। इसके अलावा यह भैंसा खेती में भी मददगार साबित होता है, जिससे यह और भी उपयोगी हो जाता है।

नस्ल के संरक्षण एवं सुधार की दिशा में प्रयास

भारत का कृषि एवं पशुपालन विभाग जाफराबादी भैंस की नस्ल के संरक्षण एवं सुधार के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। इसके अलावा कई गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) भी इस नस्ल के संरक्षण में लगे हुए हैं। इस प्रयास से जाफराबादी भैंस की नस्ल को विलुप्त होने से बचाने के साथ-साथ उसे और बेहतर बनाया जा सकता है।

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