एक देश एक चुनाव को लेकर बनी कमेटी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया अध्यक्ष, बुलाया गया संसद का विशेष सत्र।
देश एक चुनाव को लेकर बनी कमेटी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया अध्यक्ष। बुलाया गया संसद का विशेष सत्र।
एक देश-एक चुनाव’ पर केंद्र सरकार ने कमेटी बना दी है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। अब इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
जानिए क्या है वन नेशन-वन इलेक्शन।
वन नेशन-वन इलेक्शन या एक देश-एक चुनाव का मतलब हुआ कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हों। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई थी इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई है
प्राप्त जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने आगामी 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। संभव है कि एक देश एक चुनाव पर सरकार बिल भी ला सकती है केंद्र सरकार की बनाई गई कमेटी एक देश एक चुनाव के कानूनी पहलुओं पर गौर करेगी। साथ ही इसके लिए आम लोगों से भी राय लेगी।
सरकार की इस पहल पर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आखिर एक देश एक चुनाव की सरकार को अचानक जरूरत क्यों पड़ गई। वहीं कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने कहा- व्यक्तिगत तौर पर मैं एक देश एक चुनाव का स्वागत करता हूं। यह नया नहीं, पुराना ही आइडिया है।
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा।
आपको बता दें कि मई 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार बनी थी इसके कुछ समय बाद ही एक देश और एक चुनाव को लेकर बहस शुरू हो गई थी। प्रधानमंत्री मोदी कई बार वन नेशन-वन इलेक्शन की वकालत कर चुके हैं। संविधान दिवस के मौके पर एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था आज एक देश-एक चुनाव सिर्फ बहस का मुद्दा नहीं रहा। ये भारत की जरूरत है। इसलिए इस मसले पर गहन विचार-विमर्श और अध्ययन किया जाना चाहिए।
अब एक देश एक चुनाव की चर्चा के बीच एक दिन पहले केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया- 18 से 22 सितंबर तक दोनों सदनों का विशेष सत्र रहेगा। यह 17वीं लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा। इसमें 5 बैठकें होंगी।
जोशी ने यह भी कहा कि सत्र बुलाने के पीछे कोई एजेंडा नहीं है। उन्होंने जानकारी के साथ पुराने संसद भवन की फोटो शेयर की है। माना जा रहा है कि सत्र पुराने संसद भवन से शुरू होगा और नए सांसद भवन में खत्म होगा।
एक देश एक चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा है कि मौजूदा मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार एक देश के चुनाव का कानून बनना चाहती है इस कानून की इतनी जल्दी क्या थी।