Rewa MP: मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर बनी मजाक, धन का हो रहा अपव्यय, नहीं पहुंचते अधिकारी कर्मचारी जनता का हो रहा मोहभंग।

Rewa MP: मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर बनी मजाक, धन का हो रहा अपव्यय, नहीं पहुंचते अधिकारी कर्मचारी जनता का हो रहा मोहभंग।
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए पूरे प्रदेश में 11 दिसंबर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक मुख्यमंत्री जन कल्याण जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन जगह जगह करवा रहे हैं जिसमें 34 हितग्राही मूलक योजनाएं सम्मिलित की गई हैं शासन द्वारा आयोजित की जा रही शिविर में विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित होते हैं और जनता की समस्यायों का निदान करते हैं जिन विभागों में सबसे अधिक समस्याओं को देखा जा रहा है उनमें बैंक के मामले राजस्व विभाग और महिला बाल विकास विभाग पंचायत विभाग स्वास्थ्य विभाग के अधीन शासन की चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाएं शामिल है रीवा और मऊगंज जिले में तहसील और ब्लॉक स्तर पर गांव-गांव शान द्वारा लगाई जा रही शिविर में जहां विधायक और जनप्रतिनिधि पहुंचते हैं वहां शिविर में कुछ भीड़ देखी जाती है जनता के काम भी हो रहे हैं लेकिन कई ऐसी जगह भी शिविर देखी गई जहां ना तो विभागों की अधिकारी पहुंचे और ना ही पर्याप्त संख्या में हितग्राही पहुंचे।
शिविर की व्यवस्था में अपव्यय।
शासन द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए लगाई जा रहे शिविरों में जिस तरह से धन खर्च हो रहा है उस हिसाब से जनता का कल्याण नहीं हो पा रहा है कागजों की आंकड़ेबाजी में भले ही इस अभियान को काफी सफल साबित कर दिया जाए लेकिन वास्तविकता उतनी नहीं है जितना बताई जा रही है इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को गंभीरता से सूचना होगा कि हजारों हजार रुपए शिविर के आयोजन में खर्च किए जा रहे हैं टेंट कुर्सियां लगी रहती है लेकिन विभाग के अधिकारी कर्मचारी नहीं पहुंचते ऐसे में भला जनता का कैसे कल्याण संभव है और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार क्या इस अभियान को चलाया जा रहा है यह भी बड़ा सवाल है जबकि शिविर के आयोजन और व्यवस्था में काफी धन खर्च किया जा रहा है।
यहां देखी गई खाली कुर्सियां।
आज एक शिविर का आंखों देखा हाल हम दिखाने जा रहे हैं जहां टेंट सजा है कुर्सियां खाली पड़ी है लेकिन संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी नजर आ रही है ऐसे हालत में सरकार की व्यवस्था से जनता का मोह भंग हो रहा है वीडियो में दिखाई जा रही शिविर ग्राम पंचायत गढ़ जनपद पंचायत गंगेव की है जहां 11:00 बजे दिन से शिविर आयोजित की गई थी किंतु 12:30 बजे तक मात्र राजस्व विभाग के नायाब तहसीलदार मनोज सिंह पंचायत विभाग के उपेंद्र प्रवीण पांडेय ग्राम पंचायत गढ़ के सचिव रोजगार सहायक के साथ ही महिला बाल विकास के कुछ आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यकर्ता सहायिका दिखाई पहुंची थी शिविर में कोई बड़े जनप्रतिनिधियों की भी मौजूदगी नहीं है इसके साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी इस शिविर से नदारत थे ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार की ऐसी व्यवस्था क्या सिर्फ दिखावा तक सीमित है।
आयुष्मान योजना को लेकर कई सवाल।
केंद्र सरकार द्वारा गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आयुष्मान योजना के तहत₹500000 तक का 1 साल में उपचार करने की व्यवस्था दे रही है इसके लिए सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत हितग्राहियों का पंजीयन कर उन्हें कार्ड देती है आयुष्मान योजना में शामिल होने वाले हितग्राही 2011 की सर्वे सूची के अनुसार बनाई गई है और अब 70 वर्ष से अधिक उम्र की लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है लेकिन सच यह है कि 2011 के सर्वे में बहुत सारे नाम छूट गए थे और इसके बाद से कोई दूसरा सर्वे भी नहीं हुआ जिसके कारण सरकार की यह योजना पूरी तरह से सफल नहीं हो रही है गांव गांव में काफी संख्या में ऐसे हितग्राही है जो गरीब होते हुए उनका सर्वे में नाम नहीं है इसलिए उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है सरकार को चाहिए कि सबसे पहले सर्वे का काम कराये जिससे कि वास्तविक हितग्राही जिनके आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं उनका भी कल्याण हो सके।