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Sidhi news:भरपूर असर बेहतर हाल, जेनेरिक दवा करे कमाल!

Sidhi news:भरपूर असर बेहतर हाल, जेनेरिक दवा करे कमाल!

 

 

 

 

 

मोगली पलटन ने निकाली जेनरिक दवाओं की जागरूकता रैली

सीधी .ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन की बाल सेना मोगली पलटन द्वारा जेनेरिक दवाओं के प्रति जन जागरूकता हेतु कछुआ चाल साइकिल रैली निकाली गई। मोगली पलटन द्वारा हर माह के पहले रविवार को साइकिल रैली आयोजित की जाती है। फ़ाउण्डेशन के प्रवक्ता सचिन पाण्डे ने बताया कि ऋषिकेश फ़ाउंडेशन द्वारा पिछले ग्यारह माह से मिशन रामबाण चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जेनेरिक दवाइयों के प्रति जागरूकता लाना है।

 

 

 

 

 

 

आम तौर पर सभी दवाएं एक तरह का “केमिकल सॉल्ट” होती हैं। इन्हें शोध के बाद अलग-अलग बीमारियों के लिए बनाया जाता है। जेनेरिक दवा जिस सॉल्ट से बनी होती है, उसी के नाम से जानी जाती है। जैसे- दर्द और बुखार में काम आने वाले पैरासिटामोल सॉल्ट को कोई कंपनी इसी नाम से बेचे तो उसे जेनेरिक दवा कहेंगे। वहीं, जब इसे किसी ब्रांड जैसे- क्रोसिन के नाम से बेचा जाता है तो यह उस कंपनी की ब्रांडेड दवा कहलाती है। जेनरिक दवाईयां बनाने में उन्हीं फार्मूलों और सॉल्ट का उपयोग किया जाता है, जो ब्रांडेड कंपनियां पहले ही प्रयोग कर चुकी हैं। इसलिए जेनरिक दवाईयों का ब्रांड नेम वाली दवाईयों के समान ही जोखिम और लाभ हैं। सभी सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए एक कठोर समीक्षा के बाद ही जेनेरिक दवाओं को मंजूरी दी जाती है। इसलिए जेनरिक दवा भी मनुष्य के शरीर पर पेटेंट दवा के समान ही असर करेगी। सचिन पांडे ने कहा है कि जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता के विषय में प्रधानमंत्री सहित मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, देश के बड़े बड़े डॉक्टर्स, मेडिसिन विशेषज्ञ आदि सभी आश्वासन देते रहे हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था, कि डॉक्टर जेनेरिक दवाएँ ही लिखें, पर ये सब प्रयास असर नहीं दिखा पा रहे हैं। इसका एक कारण है मरीज़ को जेनेरिक दवाओं की या तो जानकारी ही नहीं है या फिर विश्वास नहीं है। दूसरा कारण जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता ना होना है। कहने को सीधी में दो दो जन औषधि केंद्र खुले हैं, पर मजाल है की वहाँ कोई दवा मिल जाये। ये कारण तो हैं ही पर सबसे बड़ा कारण है डॉक्टर्स का ब्राण्डेड दवाओं से मोह। मरीज़ डॉक्टर के पर्चे में लिखी दवा के नाम के अतिरिक्त वही दवा दूसरे नाम की लेने में घबराता है और डॉक्टर ब्रांडेड के अलावा जेनेरिक दवा लिखते नहीं हैं। सचिन पांडे ने कहा है डॉक्टर जेनेरिक दवाएँ लिखें ना लिखें पर मोगली पलटन का मिशन रामबाण जारी रहेगा।

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