Rewa news:रेरा ने शहर में अवैध कॉलोनियों पर कलेक्टर को कार्रवाई करने को कहा,कार्रवाई करने के बाद प्रतिवेदन मंगाया!
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Rewa news:रेरा ने शहर में अवैध कॉलोनियों पर कलेक्टर को कार्रवाई करने को कहा,कार्रवाई करने के बाद प्रतिवेदन मंगाया!
रीवा. शहर में अवैध कॉलोनियों की बढ़ती संख्या को लेकर मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कार्रवाई के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है। पूर्व में रेरा के पास की गई शिकायत के चलते कार्रवाई करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने बीते महीने इसकी शिकायत की थी। इसके चलते कलेक्टर के पास आए पत्र में शिकायती आवेदन भी दिया गया है। रेरा का पत्र जारी होने के बाद शिकायतकर्ता बीके माला फिर से कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों से मांग उठाई कि उक्त मामले में कार्रवाई की जाए और अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाई जाए। बीके माला ने बताया कि उन्होंने मांग उठाई थी कि रेरा एक्ट 2016 की शर्तों की रीवा शहर एवं आसपास के गांवों में अनदेखी की जा रही है। रीवा में विकसित हो रही अधिकांश कॉलोनियों का पंजीयन रेरा में नहीं है। वार्ड छह में करही पटवारी हल्का में करीब 40 एकड़ में प्रहलाद सिंह, चंदूलाल खुशलानी आदि द्वारा कॉलोनी विकसित की जा रही है। इसमें बड़ी संख्या में प्लाट बेचे जा चुके हैं। इसी तरह वार्ड 15 के समान पटवारी हल्का में करीब 50 एकड़ क्षेत्रफल में ऐश्वर राज, उपेन्द्र सिंह आदि द्वारा भूखंड बेचे जा रहे हैं। इनकी कई शिकायतें लंबित हैं फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। चोरहटा पटवारी हल्का में पांच एकड़ भूमि में विंड ग्रुप द्वारा तौसीद अहमद आदि के सहयोग से कालोनी का विकास किया जा रहा है। चोरहटा थाना क्षेत्र के ही अर्थ बिल्डर्स के पार्टनर नीरज सिंह, रामायण साकेत आदि द्वारा कालोनी विकसित की जा रही है। शिकायत में कहा गया है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से भी अनुमति नहीं की गई है। पहले भी कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त से शिकायत की मांग की गई है। आवेदक ने कहा कि स्थानीय स्तर पर शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई है। अब भू संपदा विनियामक प्राधिकरण द्वारा संज्ञान लिए जाने के चलते उम्मीद है कि कार्रवाई होगी।
शहर में अवैध कॉलोनियां विकसित होने के संबंध में नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवणे ने कहा कि जहां से भी सूचनाएं आती हैं संबंधित अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई की जाती है। कुछ और जानकारियां सामने आई हैं, उसके आधार पर संबंधितों को नोटिस दी जा रही है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई से पहले तीन बार नोटिस देना होता है। जल्द ही अवैध कालोनियों का प्रकाशन कर यह जानकारी सार्वजनिक की जाएगी ताकि लोग इन अवैध कालोनियों में भवन या भूखंड नहीं खरीदें।