Gwalior news:ग्वालियर किला निजी हाथों में देने की तैयारी!

Gwalior news:ग्वालियर किला निजी हाथों में देने की तैयारी!
ग्वालियर किले पर 50 लाख रु. मासिक आय ग्वालियर दुर्ग पर बने केंद्र-राज्य पुरातत्व विभाग के स्मारकों को देखने विदेशों से सैलानी आते हैं। मासिक आय 50 लाख तक है। विशेष दिनों में यह बढ़ जाती है।
ग्वालियर. ग्वालियर के किले को अब निजी हाथों में देने की तैयारी है। इसके लिए भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पर्यटन-संस्कृति विभाग ने इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो एयरलाइंस) के साथ एमओयू किया है। इसमें आगा खान कल्चरल सर्विसेज फोरम (एकेसीएसएफ) को शामिल किया है। अभी 5 साल के करार में किले के संरक्षण और सौंदर्यीकरण होगा। बाद में पांच साल और बढ़ेगा। इसकी फंडिंग इंडिगो एयरलाइंस करेगी, एकेसीएसएफ संरक्षण करेगी।
निजी कंपनियों को पुरातत्व संरक्षित स्मारकों की जानकारी नहीं होती। वे धरोहरों का संरक्षण कार्य कैसे कर सकती हैं। ऐसे काम पहले भी हो चुके हैं। ये सब मिलीभगत से होते हैं।
शोभाराम वर्मा, पूर्व डिप्टी डायरेक्टर, राज्य पुरातत्व विभाग
एमओयू में ऐसे तथ्य
● ग्वालियर किला कंजर्वेशन और इल्यूमिनेशन परियोजना बहुआयामी प्रयास।
● पर्यटकों के लिए सुविधाजनक पहुंच मार्ग, सुविधाओं का विस्तार।
● मौजूदा स्थानों का उपयोग कर कैफे व प्रदर्शनी स्थलों का विकास।
तब विरोध पर रुका था होटल निर्माण
ग्वालियर किले पर बनी भीमसिंह राणा की छत्री पर शासन ने 2022-23 में होटल की योजना बनाई थी। जाट समाज के विरोध के बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। श्योपुर का किला, बलदेवगढ़ का किला, दतिया का राजगढ़ पैलेस राज्य पुरातत्व विभाग से असंरक्षित कर पर्यटन निगम को दिए थे।