भोपाल-जबलपुर के बीच हाई-स्पीड ग्रीन कॉरिडोर: सफर होगा तेज और सुरक्षित

मध्य प्रदेश में सफ़र अब तेज़, अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित होने जा रहा है! राजधानी भोपाल और संस्कारधानी जबलपुर के बीच एक नया हाई-स्पीड ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी 57 किमी कम हो जाएगी। इस महत्वपूर्ण परियोजना पर लगभग 14,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे यात्रा का समय बचेगा और यात्रा में सुविधा होगी।
नया मार्ग, नई सुविधाएं
यह ग्रीन फील्ड हाईवे पूरी तरह से नया होगा और जबलपुर से तेंदूखेड़ा, नौरोदेही और रायसेन होते हुए भोपाल तक विकसित किया जाएगा। राजमार्ग को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि यह दुर्घटना मुक्त यात्रा सुनिश्चित करे। साथ ही यात्रियों को कोई असुविधा न हो इसके लिए जरूरी सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाएगा.
पर्यावरण और विकास दोनों पर ध्यान
परियोजना के लिए कुछ वन भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा, लेकिन इसे इस तरह विकसित किया जाएगा कि इसका पर्यावरण पर कम से कम प्रभाव पड़े। हाईवे के आसपास हरियाली को संरक्षित करने और नए पेड़ लगाने की भी योजना है।
इन्वेस्टर्स समिट से बढ़ावा
इस हाई-स्पीड ग्रीन कॉरिडोर को हाल ही में भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना को तेजी से पूरा करने के लिए NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) और मध्य प्रदेश सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। इस योजना के तहत एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये गये, जिससे इसके शीघ्र कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
क्या होगा फायदा?
यात्रा का समय कम होगा: दूरी 57 किलोमीटर कम होगी और यात्रा तेज और अधिक आरामदायक होगी।
आधुनिक राजमार्ग: दुर्घटनाओं को कम करने के लिए राजमार्गों में आधुनिक सुरक्षा सुविधाएँ होंगी।
विकास को बढ़ावा: जबलपुर और भोपाल के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण: ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण इस तरह किया जाएगा कि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।
यह हाई-स्पीड ग्रीन कॉरिडोर मध्य प्रदेश के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव लाएगा और लोगों की यात्रा को पहले से कहीं अधिक तेज, सुरक्षित और आसान बना देगा!