मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में नई तबादला नीती: अब SP कर सकेंगे DSP के स्थानांतरण; जानिए इसके फायदे और विवाद

मध्य प्रदेश में नई तबादला नीती: अब SP कर सकेंगे DSP के स्थानांतरण; जानिए इसके फायदे और विवाद

MP News: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने डीएसपी (DSP) अधिकारियों के तबादले की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब पुलिस अधीक्षक (SP) को अपने जिले में उप पुलिस अधीक्षकों (DSP) के स्थानांतरण का अधिकार मिलेगा।

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य तबादला प्रक्रिया को सरल बनाना और कानून-व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाना है। इससे पहले, पुलिस मुख्यालय से मंजूरी लेना जरूरी होता था, जिससे प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था।

क्या है नई व्यवस्था?

अब SP को अपने जिले में DSP के तबादले का अधिकार मिलेगा।
डीएसपी का स्थानांतरण करने से पहले प्रभारी मंत्री की अनुशंसा आवश्यक होगी।
यह बदलाव अप्रैल से लागू होने की संभावना है।
फिलहाल डीएसपी का स्थानांतरण गृह विभाग द्वारा किया जाता है। प्रस्ताव लागू होने पर गृह विभाग केवल जिले में पोस्टिंग करेगा, जबकि एसपी जिले के भीतर तैनाती करेंगे।

नई व्यवस्था के पक्ष और विपक्ष में तर्क

समर्थक क्या कहते हैं?
कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाएगा: इस बदलाव से एसपी को अपने जिले में अधिक अधिकार और स्वतंत्रता मिलेगी। इससे वे तेजी से निर्णय ले सकेंगे और तात्कालिक समस्याओं का समाधान तुरंत कर सकेंगे।

प्रशासनिक क्षमता में सुधार:

समर्थकों का कहना है कि जिस तरह जिलों में एसडीएम की नियुक्ति का अधिकार कलेक्टर को होता है, उसी तरह एसपी को भी अपने जिले में डीएसपी की पोस्टिंग का अधिकार मिलना चाहिए। इससे पुलिसिंग अधिक प्रभावी और दक्ष होगी।

तबादला प्रक्रिया होगी तेज़:

पहले मुख्यालय से मंजूरी मिलने में समय लगता था, जिससे कई प्रशासनिक अड़चनें आती थीं। अब एसपी के पास अधिकार होने से डीएसपी की तैनाती तत्काल हो सकेगी।

विरोध करने वालों की चिंताएं

राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ सकता है:
विरोध करने वाले अधिकारियों का कहना है कि इससे राजनीतिक दखलंदाजी बढ़ेगी और पुलिसिंग की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है।

DSP अधिकारियों के अधिकार सीमित होंगे:

कई अधिकारी इस बदलाव का विरोध कर रहे हैं। राज्य पुलिस सेवा के सोशल मीडिया ग्रुप्स में इस प्रस्ताव के खिलाफ जबरदस्त विरोध हो रहा है। कुछ अधिकारियों ने बिना हस्ताक्षर के ज्ञापन भी भेजे हैं, जिसमें मांग की गई है कि यदि यह व्यवस्था लागू होती है, तो इसे आईजी स्तर से अनुमोदित किया जाए।

निष्पक्षता पर असर:

विरोध करने वालों का मानना है कि एसपी को डीएसपी की पोस्टिंग का अधिकार देने से कुछ अधिकारियों का अनुचित फायदा उठाया जा सकता है और इससे पुलिसिंग की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

अभी की व्यवस्था क्या है?

फिलहाल डीएसपी के तबादले गृह विभाग द्वारा किए जाते हैं।
डीएसपी को सीधे सब-डिवीजन में पोस्ट किया जाता है।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद एसपी जिले में डीएसपी की तैनाती तय कर सकेंगे।

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