मध्य प्रदेश

Bhind News: चंबल में बढ़ते मगरमच्छों ने बिगाड़ा ईको सिस्टम, घड़ियाल और डॉल्फिन पर संकट

चंबल में बढ़ते मगरमच्छों ने बिगाड़ा ईको सिस्टम, घड़ियाल और डॉल्फिन पर संकट

Bhind News: चंबल नदी में मगरमच्छों ने ईको सिस्टम बिगाडा है। एक साल में यहां घड़ियाल व डॉल्फिन की संख्या में गिरावट ने वन अमले की नींदे उड़ा दी हैं। विश्व के 75% घड़ियाल प्रजाति का घर चंबल नदी है। इनकी गिरती संख्या का खुलासा 2025 की गणना में हुआ। बीते एक साल में जहां 64 घड़ियाल कम हुए तो 157 मगरमच्छ बढ़े हैं। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉ. मनोज जैन का दावा है कि आक्रामक मगरमच्छों ने चंबल के ईको सिस्टम को प्रभावित कर दिया है। इनकी तेजी से बढ़ती संख्या शांत जलीय जीव घड़ियाल के लिए खतरनाक साबित हो रही है।

वहीं दूसरी ओर डॉल्फिन की संख्या स्थिर हो गई है।

घड़ियालों पर बने खतरा, बढ़ा रहे दायरा

वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. मनोज जैन के अनुसार, घड़ियाल एक शांत जलजीव है, जो मनुष्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। अपने लंबे पतले मुंह और विशेष आकृति के कारण यह मगरमच्छ से बिल्कुल अलग है। मगरमच्छ की आक्रामक प्रवृत्ति घड़ियाल और डॉल्फिन दोनों के लिए घातक साबित हो रही है। मगरमच्छ न केवल उनके प्राकृतिक आवास पर कब्जा कर रहे हैं, बल्कि बच्चों को भी शिकार बना रहे हैं।

देवरी सेंटर से 108 घड़ियाल छोड़े गए। गणना में वे भी कम हुए। मगरमच्छों के बढ़ने का असर दिखाई दे रहा है। -ज्योतिप्रकाश दंडोतिया, कोऑर्डिनटर सेंचुरी मुरैना

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