मध्य प्रदेश

Rewa MP: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी नल-जल योजना, हुआ 311 करोड़ का घोटाला।

Rewa MP: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी नल-जल योजना, हुआ 311 करोड़ का घोटाला।

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रीवा। जिले में विकास की गति जिस तेजी से बढ़ रही है उसी गति से भ्रष्टाचार भी हो रहा है देश के प्रधानमंत्री द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत रीवा जिले को विकास की बड़ी सौगात दी गई थी इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रचार प्रसार केंद्र और राज्य सरकार द्वारा खूब किया गया जनता को पानी उपलब्ध कराने की यह योजना भाजपा के चुनावी मुद्दा में भी शामिल रही है लेकिन नल जल योजना अब रीवा जिले में सरकार और जनप्रतिनिधियों के लिए चिंता का विषय भी बन चुकी है इसका कारण नल जल योजना में व्यापक पैमाने पर किया गया भ्रष्टाचार माना जा रहा है इस योजना को लेकर लेट लतीफी और अनियमितताओं की शिकायतें विधायकों और संसद तक भी पहुंचती हैं इसलिए कहीं ना कहीं जनप्रतिनिधि भी चिंतित है।

सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एड बीके माला ने कहा कि शासन की मंशा अनुसार हर घर पानी पहुंचाने की योजना है लेकिन यह योजना घोटाले की भेंट चढ़ गई है श्री माल ने कहा कि मध्य प्रदेश जल निगम में 311 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी लगाकर कंपनियों ने भोपाल संबंधित बैंक से साठगांठ करके अरबों के प्रॉजेक्ट को हासिल किया है फर्जी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करके 311 करोड़ की फर्जी गारंटी तैयार की गई जिसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए इसके साथ ही अन्य प्रोजेक्ट की भी जांच की जाए।

शिकायतकर्ता बी के माला ने बताया कि म.प्र. में म.प्र. जल निगम में करोड़ो रुपये के फर्जी व्यापक स्तर पर घोटाला किया गया है। फर्जी दस्तावेज तैयार करके जल निगम के अधिकार एवं बैंक के अधिकारियों से सांठगांठ करके 311 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी तैयार की गई थी । उन्होंने कहा की किसी भी विभाग में कार्य के लिए जब ठेकेदार परफार्मेन्स गारंटी के तौर पर बैंक गारंटी लगाता है तो इसका सत्यापन कराना संबंधित अधिकरियों की जिम्मेदारी होती है जो कि नहीं कराई गई है । इस समूचे खेल में बैंक तथा कंपनियों से सांठगांठ कर राजस्व की हानि की गई है जो जांच का विषय है।

शिकायतकर्ता बीके माला ने जानकारी दी की तीरथ गोपीकॉन लिमिटेड और एमपी बावरिया लिमिटेड, अंकित कांस्ट्रक्शन कंपनी को दो वर्ष पहले पेयजल योजनाओं का जिम्मा सौंपा गया था। इसके एवज में उन्हें कुल लागत की 10 फीसदी राशि पर कार्मिक बैंक गारंटी और मोबिलाइजेशन एडवांस के लिए गारंटी राशि जमा की गई थी इसके आधार पर निगम ने ठेकेदारों से करार कर लिया गया था। इन दोनो ठेकेदारों कंपनियो ने काम लेने के बाद योजनाबद्ध तरीके से फर्जी बैंक गारंटी लगा दी । फर्जी बैंक गारंटी के बल पर काम प्राप्त कर लिया गया। इस पूरे खेल में जल निगम म.प्र. भोपाल के साथ बैंक अधिकारियों द्वारा संबंधित कंपनी से अपने निजी लोभ लालच में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। जिस पर शिकायतकर्ता ने ईओडब्ल्यू में शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की।

ज्ञात हो कि सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट बीके माला ने इससे पहले आबकारी विभाग में फर्जी बैंक गारंटी मामले को उजागर किया था जिसमें बैंक मैनेजर सहित कई शराब ठेकेदार आरोपी बनाए गए हैं इसी तरह से अब उन्होंने जल जीवन मिशन योजना में बैंक गारंटी द्वारा धोखाधड़ी करके हासिल किए गए कार्य को उजागर किया है।

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