Rewa news, 500 वर्ष पहले जंगल में ज्वाला रूप में प्रगट हुईं अष्टभुजा माता का जानिए रहस्य।

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Rewa news, 500 वर्ष पहले जंगल में ज्वाला रूप में प्रगट हुईं अष्टभुजा माता का जानिए रहस्य।

माता अष्टभुजा धाम में भक्तों की पूरी होती है मन्नत नवरात्रि में लगती है श्रद्धालुओं की भारी भीड़।

संजय पाण्डेय, गढ़ 

रीवा जिले से अलग होकर नवगठित मऊगंज जिले की नईगढी़ तहसील क्षेत्र के जंगल में ज्वाला रूप में प्रगट हुई अष्टभुजी माता भक्तों की मुराद पूरी करती हैं अस्था की देवी अष्टभुजा धाम माता मंदिर नईगढ़ी में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी चैत्र नवरात्रि में श्रद्धालुओं का नवरात्रि के पहले दिन काफी भीड़ देखी गई माता के दरबार में भोर 4 बजे से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा अप्रैल माह किसानी के मौके पर लोग अपनी किसानी को भूलकर आस्था में इस कदर भाव विभोर हुए की सारे काम छोड़कर माता रानी का दर्शन पूजन करने होड़ गई क्षेत्र के बच्चे, बूढ़े, युवा और महिलाएं काफी संख्या में मातारानी के दरबार में माथा टेकने पहुंचे थे लोग अपनी मनौती को पूर्ण करने मां अष्टभुजा के धाम में पहुंचकर सुख शांति का आशीर्वाद लिए मंदिर परिसर में भक्त गण अपने-अपने बच्चों के मुंडन, कर्ण वेधन संस्कार करते देखे गए जगह जगह पर भगवान सत्यनारायण की लोग कथा श्रवण कर पूजा अर्चना करते देखे गए अखंड मानस पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया इसी तरह मां अष्टभुजा धाम नईगढ़ी के अलावा अंचल के काली शक्तिपीठ देवगना, रीवा में रानी तालाब स्थित कालिका माता, फूलमती मंदिर, माता जालपा धाम दूबी, राजराजेश्वरी माता मंदिर रामपुर के साथ बीज पहाड़ पर विराजमान बसदेइन माता बसिगड़ा के दरबार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंच रही है।

अष्टभुजा माता के प्रगट होने का रहस्य।

माता अष्टभुजी धाम नईगढी पथरोडा गांव के अंतर्गत नगर पंचायत नईगढी के वार्ड क्रमांक 12 में स्थित है जो की रीवा मऊगंज जिले के सनातन धर्म के आस्था का केंद्र है इसी प्रकार अष्टभुजी माता मंदिर के दक्षिण 15 km दूर देवतालाब में विश्वकर्मा द्वारा निर्मित शिव मंदिर है लोगों का कहना है कि आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व पथरोडा गांव के जंगल में आग लगी हुई दिखी गई जहां तात्कालिक राजा के वंशजों ने देखा कि जंगल में आग लग गई है आग बुझाने के लिए पानी डाल दिया गया आग तो बुझ गई थी लेकिन आग बुझाने वाले की मृत्यु हो गई थी बताया जाता है कि अष्टभुजी धाम मंदिर के पास राजा का किला निर्माणाधीन था जो किला दिनभर बनता था और रात को गिर जाता था माता अष्टभुजी ने तात्कालिक राजा को स्वप्न दिया कि यहां किले का निर्माण मत करो क्योंकि यहां यदि बस्ती बस जाएगी तो गंदगी होगी मैं अष्टभुजी माता प्रकट हो रही थी तो पानी डाल दिया गया है राजा स्वप्न में ही प्रश्न किया कि आखिर मैं घर कहां बनाऊं स्वप्न में ही माता अष्टभुजी ने बताया कि एक खरगोश कल दिखेगा कुत्ता उसे पकडने जायेगा जहां खरगोश भागते भागते विलुप्त हो जाएगा उसी जगह आप किले का निर्माण करना राजा ने यही कार्य किया ।

बेहतर व्यवस्था के लिए प्रशासन मुस्तैद

चैत नवरात्रि के पावन अवसर पर मां अष्टभुजा धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर मऊगंज जिले का प्रशासनिक अमला मुस्तैद दिखा। दूरदराज से आए भक्तों को मातारानी के दर्शन करने में किसी प्रकार की समस्या न हो। इसके लिए पुलिस एवं राजस्व तथा नगर निकाय नईगढ़ी के अधिकारी कर्मचारी मेला परिसर में बनाए गए कंट्रोल रूम में मुस्तैद दिखे मंदिर परिसर में प्रधान पुजारी द्वारा सभी श्रद्धालुओं की पूजा पाठ और माता रानी के दर्शन करने के लिए विशेष व्यवस्था कराई गई है मंदिर परिसर में दर्जनों पुजारी और मुंडन कर्णवेधन करने वालों के लिए अलग से व्यवस्था बनाई गई है अखंड मानस और भंडारी के लिए भी अलग-अलग जगह पर व्यवस्था दी गई है नवरात्रि के पहले दिन से श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हुआ है आने वाले दिनों में और अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है नवरात्रि के पहले दिन जय माता दी के नारों से क्षेत्र गूंजायमान रहा।

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