ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी लोको पायलट की होती है. पश्चिम मध्य रेलवे ने पायलटों की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई नए प्रावधान किए हैं। पश्चिम मध्य रेलवे पर कुल 17 लोको लॉबी और 18 रनिंग रूम का निर्माण किया गया है। जहां स्थानीय मुख्यालय के अलावा अन्य मुख्यालयों से आने वाले रनिंग स्टाफ को विश्राम के लिए रनिंग रूम की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.
भारतीय रेलवे पर लोको पायलेट के ड्यूटी सवारी गाडी में अधिकतम 08 घंटे एवं मालगाड़ियों में अधिकतम 10 घंटे निश्चित किया गया है। इसके बाद उन्हें विभिन्न नामित स्थानों पर स्थित रनिंग रूम में आराम दिया जाता है। लोको पायलेट नियमानुसार आराम के घंटे पूर्ण करने के पश्चात् ही ड्यूटी पर बुलाये जाते है। रनिंग स्टॉफ को ड्यूटी पर बुलाने के लिए निश्चित समयपूर्व कर्मचारी को रेलवे द्वारा दिये गये सीयूजी फोन पर मैसेज एवं कॉल कर सूचना दी जाती है।