मऊगंज जिले का नाम कैसे पड़ा, मऊगंज क्यों प्रसिद्ध है।mauganj jile ka naam kaise pada, mauganj kyon prasiddh hai
मऊगंज का इतिहास ग्यारहवीं शताब्दी का है, जो उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में स्थित इस उपजाऊ क्षेत्र में राजपूतों के सेंगर वंश के आगमन से शुरू हुआ था। इसे पहले सेंगर राजाओं के शासन के तहत ‘मऊ राज’ के नाम से जाना जाता था, जो इस क्षेत्र में बस गए और उन्होंने मऊगंज, मनगवां और बिक्रहटा में किलों का निर्माण कराया।
मऊगंज नाम कैसे पड़ा
जानकारों एवं गूगल के विकिपीडिया से एकत्रित की गई जानकारी के आधार पर पता चला कि मऊ राजा के नाम से मऊगंज प्रसिद्ध है। वहीं 2023 में रीवा जिले से अलग होकर एक नया जिला बना जिसका नाम मऊगंज पड़ा ।
मऊगंज, मध्य प्रदेश (MP) का एक ज़िला है. यह रीवा ज़िले से अलग होकर साल 2023 में अस्तित्व में आया था. मऊगंज(Mauganj )ज़िले के बारे में कुछ खास बातेंः
यह पूरी बातें गूगल से एकत्रित करके बनाई गई है अगर कोई सुझाव हो तो कमेंट में जरूर बताए
यह मध्य प्रदेश का 53वां ज़िला है. यह रीवा संभाग का पांचवां ज़िला है. यह ज़िला रीवा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. मऊगंज ज़िले में मऊगंज और देवतालाब दो विधानसभा सीटें हैं. मऊगंज ज़िले का क्षेत्रफल 1,866.88 वर्ग किलोमीटर है.
मऊगंज ज़िले में मऊगंज, हनुमना, और नईगढ़ी तीन तहसीलें हैं. मऊगंज ज़िले की जनसंख्या करीब 6,16,645 है. मऊगंज ज़िले का एसटीडी कोड 07663 है. मऊगंज ज़िले में कई धार्मिक स्थल हैं, जिनमें देवतालाब में महादेव मंदिर, अष्टभुजी मंदिर, हनुमान मंदिर, ज्ञाति मंदिर, राम जानकी मंदिर, और आलोपन मंदिर शामिल हैं. मऊगंज ज़िले में बस और ट्रेन से पहुंचा जा सकता है. वही अब हवाई जहाज तभी पहुंचा जा सकता है मऊगंज ज़िले में सबसे अल्ट्रासाउंड हवाईअड्डे के लिए प्रवेश द्वार है।