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Rewa news:भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य बीके अग्रवाल को हटाया!

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Rewa news:भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य बीके अग्रवाल को हटाया!

 

 

 

 

 

 

 

 

कर्मचारियों ने पेंशन फंड में वित्तीय अनियमितता की दर्ज कराई थी शिकायत

रीवा. शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीके अग्रवाल को प्रभार से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर भूविज्ञान के प्राध्यापक डॉ. डीके सिंह को प्रभार सौंपा गया है। इसके पहले भी कई वर्षों तक सिंह प्राचार्य पद की जिमेदारी संभाल चुके हैं। इस कार्रवाई का अनुमान कई दिनों से लगाया जा रहा था, क्योंकि इंजीनियरिंग कालेज के प्राचार्य रहे डॉ. अग्रवाल के खिलाफ कालेज के प्राध्यापकों और कर्मचारियों ने मोर्चा खोल रखा था। इसकी शिकायत संभागायुक्त और तकनीकी शिक्षा आयुक्त से की गई थी। दोनों स्थानों से जांच कराई गई जिसमें अग्रवाल की भूमिका सवालों में रही है।

 

 

 

 

 

 

 

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यही कारण रहा है कि अब प्राचार्य का प्रभार बदल दिया गया है, साथ ही आगे और भी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इनके विरुद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया था। लगातार विवाद बढऩे की वजह से तकनीकी शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है। कॉलेज में लगभग 30 की संया में ऐसे प्राध्यापक और कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्ति 2005 के बाद की है और उन्हें मध्यप्रदेश शासन की नई अंशदाई पेंशन योजना का लाभ मिलता है। जिसके तहत उनके वेतन से दस प्रतिशत की कटौती कर चौदह प्रतिशत की राशि शासन द्वारा जोड़ी जाती है। यह कुल राशि इनके एनपीएस अकाउंट में प्रति माह भेजी जानी चाहिए जैसा कि वित्त विभाग के निर्देश हैं। एनपीएस अकाउंट में संकलित संपूर्ण राशि का ब्याज तथा उसे अलग-अलग प्रकार से शासन द्वारा निवेश कर उसका लाभ कर्मचारियों को दिया जाता है। जिससे राशि की वैल्यू बढ़कर एक समानित राशि अधिकारियों-कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट पर एकमुश्त और पेंशन के रूप में दी जा सके। इंजीनियरिंग कालेज में प्रति माह कटौती और शासन द्वारा मिलाई गई राशि को प्रत्येक माह न भेजकर तीन महीने से लेकर आठ महीनों तक कॉलेज के एक चालू खाते में होल्ड करने के बाद भेजा जाता रहा है। ऐसा लगातार पिछले सात आठ वर्षों से किया जा रहा है। कर्मचारियों की भविष्य निधि में की जा रही इस वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत कई बार पूर्व के वर्षों में की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई प्राचार्य के स्तर पर नहीं हुई। प्राध्यापकों और कर्मचारियों ने एक साथ शिकायत दर्ज कराई थी कि प्राचार्य की इस मनमानी के चलते उन्हें ब्याज के रूप में जो लाभ होना चाहिए नहीं हो पा रहा है। इस कारण जांच कराई गई थी।

 

 

 

 

 

 

डीके सिंह को सौंपी जिम्मेदारी

तकनीकी शिक्षा विभाग ने शुक्रवार की देर शाम प्रदेश के तीन कालेजों के प्राचार्य बदले हैं। जिसमें रीवा में डॉ. डीके सिंह, जबलपुर में डॉ. राजीव चांडक, उज्जैन में डॉ. उमेश पेंडारकर शामिल हैं।

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