- Advertisement -

- Advertisement -

MP news, संविधान की हत्या शब्द देशद्रोह की परिधि में आता है इस पर विचार करे मोदी सरकार: एड प्रवीण पाण्डेय।

- Advertisement -

MP news, संविधान की हत्या शब्द देशद्रोह की परिधि में आता है इस पर विचार करे मोदी सरकार: एड प्रवीण पाण्डेय।

 

हाईकोर्ट जबलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण पाण्डेय ने रीवा प्रवास के दौरान संविधान की हत्या शब्द पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी किया गया जो घोर निंदनीय है संविधान की हत्या शब्द देशद्रोह की परिधि में आता है मोदी सरकार इस शब्द और सोच पर पुनर्विचार कर हत्या शब्द को विलोपित करें भारत देश में राजनीति का स्तर शब्दों का चयन घटिया मानसिकता को दर्शाता है इस प्रकार से अमर्यादित शब्दों पर राजनीति की रोटी सेकना अनुचित है ऐसे शब्दों से देश और संविधान की मर्यादा का हनन होता है जिसके कारण हम अपने देश ही नहीं विदेशों में भी हम मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।

- Advertisement -

श्री पांडेय ने सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि जिस देश के संविधान की हत्या हो चुकी हो वह जीवित कैसे हो जाएगा मैं आपके मीडिया के माध्यम विरोध स्वरुप अपने विचार शासन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूं कि जिस संविधान के संबंध में गलत शब्दों का प्रयोग किया गया है उन आपत्तिजनक शब्दों पर पुनर्विचार करना चाहिए और संविधान पर अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए गलत तरीके उपयोग नहीं करना चाहिए मेरा प्रयास है कि गिलहरी प्रयास ही सही किंतु विरोध जरूर होना चाहिए कभी-कभी ऐसा हुआ है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई ऐसे प्रकरणों में स्वत: एक्शन लिया गया है।

श्री पांडेय ने कहा कि मोदी सरकार से कहना चाहूंगा कि राजनीतिक लाभ के लिए देश का अपमान नहीं होना चाहिए और संविधान का भी अपमान नहीं होना चाहिए भारत देश के लोकतंत्र और संविधान के कारण ही विश्व में हम सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं यदि हम अपने संविधान पर ही प्रश्न चिन्ह लगाते हैं इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता श्री पांडे ने कहा कि संविधान की हत्या न कोई किया है ना कोई आगे कर सकता है संविधान हमारा जीता जागता सशक्त भारत है जिस पर पूरा देश निर्भर है हत्या जैसा शब्द संविधान से जोड़ना ओछी मानसिकता का और राजनीतिक दुर्बलता का परिचायक है।

श्री पांडेय ने कहा कि केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनने के बाद अब जिस तरह से सत्ता पक्ष विपक्ष पर विचित्र रूप से हमलावर हो रहा है इससे प्रतीत होता है कि विपक्ष से सत्ता भयभीत हो गई है बीते 10 वर्षों में जो भी केंद्र सरकार ने एक पक्षीय फैसले देश पर थोपा है अब ऐसा नहीं हो पाएगा सदन के अंदर विपक्ष का मजबूत होना देश के हित में होता है और इस बार देश की जनता ने विपक्ष को उस लायक बना दिया है कि देश की सांसद में सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए जा सकें संविधान की हत्या जैसा शब्द राजनीतिक दुर्बलता और विपक्ष से डरे होने का सबूत है केंद्र की भाजपा सरकार को ऐसे शब्दों को वापस लेना चाहिए क्योंकि देश और संविधान से भारत देश की मर्यादा जुड़ी हुई है।

- Advertisement -

Ad Praveen PandeyAmit ShahBJPBJP MPBy CM rajendra ShuklaChief Minister Shivraj Singh ChouhanCM Dr mohan yadavCollector mauganjCollector rewaCongressDigvijay SinghHigh court Jabalpurindian national CongressJansampark BhopalJansampark Madhya PradeshJeetu patwariKamal NathMallikarjun khadgeMP governmentMP NEWSPm Narendra ModiRahul GandhiVIRAT VASUNDHARA NEWS
Comments (0)
Add Comment