Rewa newa, किसान बेहाल अधिकारी घर बैठे खुशहाल एक बाबू और चपरासी के सहारे चल रहा कृषि विभाग सिरमौर।
दर्जनों किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों का रोया दुखड़ा नहीं मिल रहा खेती के लिए बीज।
रीवा जिले के कृषि विकासखंड कार्यालय सिरमौर का हाल बेहाल है शासन ने तो एक बरिष्ठ कृषि विकाश अधिकारी बी पी सिंह और 15 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, 01 बाबू और 02 चपरासी कुल मिलाकर 19 अधिकारी कर्मचारी बरिष्ठ कृषिविकास कार्यालय में पदस्थ किए हैं कि किसानों के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का सभी किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके यहां लाभ लेना और देना तो दूर की बात है किसानों को अधिकारियों के दर्शन भी नहीं प्राप्त हो रहे हैं और इस कार्यालय को एक बाबू और दो चपरासी चल रहे हैं इनसे ऊपर जो भी अधिकारी हैं उनकी मनमानी इस कदर हावी है कि घर बैठकर सरकार से मुफ्त वेतन ले रही है और अगर जानकारी ली जाए तो फील्ड में होने की बात कह कर अपने आप को सुरक्षित कर लेते हैं जबकि फील्ड में यह कहां और कब रहती हैं इस बात का इनके पास कोई सबूत नही होता।
किसानों के काम नहीं आ रही योजनाएं।
सिरमौर विकासखंड अंतर्गत संचालित कृषि विभाग के कार्यालय से अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के चलते किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है जबकि अच्छा मानसून आने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं लेकिन किस अच्छी फसल लेने के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए जब किसान कृषि विभाग के कार्यालय जाते हैं तो वहां कोई अधिकारी नहीं मिलता थक हार कर किसान बोनी के लिए बाजार से बीज खरीद कर अपनी खेती किसानी करने के लिए मजबूर हो जाता है सूत्रों ने बताया कि यहां दलाली प्रथा भी चलती है और सेटिंग के हिसाब से किसानों के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाला बीज बाजार में बिक्री हो जाता है।
मीडिया कर्मियों को देख किसानों ने बताया दुखड़ा।
रीवा जिले का कृषि विभाग कितना बेहतर काम कर रहा है इसकी बानगी कृषि विभाग कार्यालय सिरमौर में देखने को मिली जहां आधा सैकड़ा किसान बीज लेने के लिए पहुंचे थे किसान सुबह से ही पहुंच चुके थे और लगभग 11:00 बजे कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी पहुंच गए और मीटिंग करने लगे जबकि आधा सैकड़ा लगभग किसान बीज लेने के लिए पहुंचे थे लगभग 2:00 बजे तक अधिकारियों की और कर्मचारियों की मीटिंग हुई इस दौरान कई किसान थक हार कर वापस अपने घर लौट गए हालांकि किसानों ने कई तरह की अनियमिताओं और अधिकारी कर्मचारीयों की कार्यालय में अनुपस्थित, और फील्ड में काम नहीं करने का आरोप लगाया लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी द्वारा किसानों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया है।