Rews news, फर्जी बैंक गारंटी वाले शराब कारोबारी के खिलाफ एक अन्य मामले में न्यायालय ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट।
Rews news, फर्जी बैंक गारंटी वाले शराब कारोबारी के खिलाफ एक अन्य मामले में न्यायालय ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट।
रीवा-न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रीवा अदिति अग्रवाल की न्यायालय ने रीवा के शराब कारोबारी (गांजा तस्कर) मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के मालिक निपेद्र सिंह परिहार उर्फ राजू सिंह परिहार के विरुद्ध परक्राम्य लिखित अधिनियम 1881 के अंतर्गत गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
गौरतलब है कि शराब कारोबारी निपेद्र सिंह परिहार उर्फ राजू सिंह प्रोपाइटर मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज ने कारोबार शुरू करने के पूर्व कई लोगों से पैसा लिया था जो की कारोबार समाप्त होने के बाद भी नहीं लौटाया कई लोगों को इसके द्वारा बतौर सुरक्षा राशि चेक दिया गया था जो की बैंक में डालने पर खाते में पैसा ना होने के कारण बाउंस हो गया ऐसे में अभ्युदय कैपिटल के प्रोपाइटर नितिन प्रताप सिंह के द्वारा माननीय न्यायालय में परकाम्य लिखित अधिनियम 1881 के अंतर्गत परिवाद दायर किया गया था प्रकरण क्रमांकSCNI, A853/23 के अंतर्गत माननीय न्यायालय ने शराब कारोबारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
रीवा के शराब कारोबारी निपेद्र सिंह परिहार उर्फ राजू ने ऐसे ही कई लोगों को कारोबार में शामिल करने हेतु पैसा लिया गया है और उनके द्वारा पैसा वापस नहीं किया गया है ऐसे में कई लोग इस कारोबारी के झांसे में आकर अपना पैसा डुबो चुके हैं और यह वही शराब कारोबारी निपेद्र सिंह परिहार उर्फ राजू सिंह प्रोप्राइटर मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज है जो फर्जी बैंक गारंटी लगाकर करोड़ों की शराब दुकान चला कर शासन और प्रशासन को भी ठेगा दिखाया है अब देखना यह है कि माननीय न्यायालय के आदेश पर जारी गिरफ्तारी वारंट पर लौर पुलिस और जिला पुलिस कप्तान मऊगंज क्या करते हैं पुलिस शराब कारोबारी को गिरफ्तार करती है या फिर उनसे याराना निभाती है।
शराब कारोबारियों द्वारा बैंक में फर्जी गारंटी मामले को संज्ञान में लाकर लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता एड बीके माला ने कहा कि न्यायालय द्वारा जारी किए गए आदेश का पुलिस तत्काल पालन करें जिससे कि उक्त मामले में न्यायालय कार्यवाही कर सके श्री माला ने कहा कि कई बार विपक्ष के नेताओं द्वारा आरोप लगाया जाता है कि शराब कारोबारी द्वारा पुलिस को नजराना भेंट किया जाता है हालांकि इन आरोपों के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है लेकिन शराब कारोबारी के पक्ष में आंख मूंदकर पुलिस द्वारा भरोसा किया जाना शराब कारोबारी और पुलिस के रिश्तों का प्रमाण है अब देखना यह है कि पुलिस शराब कारोबारी से याराना निभाती है और माननीय न्यायालय को गुमराह करती है य फिर उन्हें पकड़ कर न्यायालय में पेश करती है।