Rewa news, ड्यूटी से नदारद रहने वाले डॉक्टर ने समाचार कवरेज के दौरान पत्रकारों से की अभद्रता।
विराट वसुंधरा, ब्यूरो
रीवा। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर का असली रूप तब देखने को मिलता है जब उनकी कमी पकड़ी जाती है ऐसा ही एक मामला रीवा शहर के ढेकहा स्थित संजीवनी क्लीनिक से सामने आया है जहां अस्पताल का निरीक्षण करने भोपाल से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आए थे इसी बीच संजीवनी क्लिनिक कुछ पत्रकार समाचार कवरेज करने गए थे निरीक्षण करने आए अधिकारियों से बाइट चल रही थी इसी दौरान पत्रकारों ने अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर अपूर्व महेन्द्रा के अस्पताल में नदारद रहने का सवाल उठाया गया तभी अंदर से डॉक्टर महेन्द्रा आए और पत्रकारों से अभद्रता करते हुए आरोप लगाए कि यहां कुछ पत्रकार आकर पैसा मांगते हैं और महिला कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हैं इसलिए किसी भी पत्रकार को अस्पताल के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा पत्रकारों ने डॉ महेंद्रा से यह पूंछा कि कौन पत्रकार आपसे पैसा मांगता है और किस महिला कर्मचारी से किस पत्रकार ने अभद्रता की है तब डॉक्टर ने यह कहना शुरू कर दिया कि पत्रकार बाहर की दवाइयां लिखने के लिए दवाब बनाते हैं हालांकि अस्पताल में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें शांत कराया डॉ महेंद्र द्वारा जिस तरह से यह कहा गया कि पत्रकारों द्वारा महिला कर्मचारियों से अभद्रता की जाती है उनके इस आरोप से यह जाहिर होता है कि महिला कर्मचारियों को अपनी ढाल बना रहे हैं और अपने स्वार्थ के लिए विभाग की महिला कर्मचारियों की बेइज्जती कर रहे हैं।
क्या था मामला।
बीते गुरुवार को रीवा शहरी स्वास्थ्य कोन्द्रो की विजिट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भोपाल के एक अधिकारी के साथ संजीवनी क्लिनिक ढेकहा पहुंची थी अधिकारियों के आने की खबर मीडिया कर्मियों को लगी तो समाचार कवरेज करने मीडिया कर्मी संजीवनी क्लिनिक ढेकहा पहुंच गए वहां अधिकारियों से पत्रकारों का सवाल था कि रीवा शहर के स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत ठीक नहीं है कुछ अस्पताल डॉ विहीन है तो वहीं कुछ ऐसी अस्पताल हैं जहां डाक्टर तो पदस्थ हैं लेकिन ड्यूटी नहीं करते और ड्यूटी टाइम में ही मरीजों को अपनी निजी क्लीनिक में देखते हैं रीवा शहर की संजीवनी क्लिनिक ढेकहा में पदस्थ डॉ अपूर्व महेन्द्रा बीते वर्षों से संजीवनी क्लीनिक में पदस्थ रहते हुए सरकारी अस्पताल से कुछ दूर पर अपनी निजी क्लीनिक खोले हुए हैं जहां बैठकर प्रैक्टिस करते हैं अस्पताल में डॉक्टर के अनुपस्थित रहने की खबरें कई बार समाचार पत्रों और चैनलों में भी चलाई जा चुकी हैं इसी सवाल से डॉक्टर महिंद्रा भड़क गए और उन्होंने अनाप-शनाप आरोप लगाते हुए पत्रकारों के साथ अभद्रता की यहां तक की अस्पताल की अंदर डॉक्टर महेंद्र ने पत्रकारों को घुसने नहीं दिया और बाहर बरसात में पत्रकार अधिकारियों की वाइट लेने के लिए कई घंटे तक भीगते हुए खड़े रहे।
मीडियाकर्मियों को देख आगबबूला हुए डॉ महेंद्रा।
अक्सर देखा जाता है कि लोगों के पास जब खुद को सही साबित करने के लिए कुछ नहीं होता तो मीडिया कर्मियों को ही भला बुरा कहने लगते हैं और ऐसा यहां भी हुआ जब डॉक्टर ने बड़ी बेवकी के साथ मीडिया कर्मियों पर रुपए मांगने और महिला कर्मचारियों से अभद्रता करने का झूठा आरोप लगा दिया और बाहर झमाझम बारिश हो रही थी पत्रकार जब अस्पताल के अंदर आना चाहे तो उन्हें डॉक्टर अपूर्व महेन्द्रा ने अस्पताल के अंदर घुसने नहीं दिया पत्रकारों ने यह भी पूछा कि कौन सा पत्रकार आपसे पैसा मांगता है और किस महिला कर्मचारी के साथ किस पत्रकार ने अभद्रता की है पत्रकारों के इस सवाल का जवाब डॉक्टर महिंद्रा के पास नहीं था सबसे बड़ी बात तो यह थी कि जब अधिकारियों की बाइट चल रही थी उस दौरान डॉक्टर महिंद्रा पहुंचे और पत्रकारों का परिचय पत्र मांगते हुए खरी खोटी सुनाने लगे।
विभाग में डॉक्टर महेन्द्रा का चलता हैं दबदबा।
बता दें कि डॉक्टर अपूर्व महेन्द्रा के पिता डॉ आनंद महेन्द्रा सीएमएचओ पद से सेवानिवृत हुए हैं इस कारण स्वास्थ्य विभाग में उनका सिक्का चलता है इसके साथ ही उनकी पत्नी डॉ तान्या महेंद्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिरमौर में पदस्थ रहीं हैं कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है डॉ अपूर्व महेन्द्रा की पत्नी भी सिरमौर में पदस्थ रहते रीवा के ढेकहा स्थित अपनी निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करती थी और बीएमओ सिरमौर से साठ-गांठ करके जाली ड्यूटी रिपोर्ट पर पदस्थापना के बाद से वेतन सरकार के खजाने से बिना ड्यूटी किए ले रही थी हालांकि छ माह पहले उन्होंने मेडिकल लीव लिया था स्थानीय लोगों के विरोध और मीडिया में डाक्टर तान्या महेंद्रा के अनुपस्थित रहने की खबरें चलने के बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है तो वहीं संजीवनी क्लिनिक में पदस्थ डॉ अपूर्व महेन्द्रा भी जिला अस्पताल रीवा में चिकित्सक थे उन्होंने अपनी क्लीनिक चलाने के लिए जिला अस्पताल से त्यागपत्र देकर संजीवनी क्लिनिक को ठिकाना बना लिया और इधर बिना ड्यूटी किये सरकार से वेतन और उधर अपनी निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करते हैं डॉ महेंद्रा की करतूत अधिकारियों को पता है लेकिन उनके पिता के संबंधों के चलते स्वास्थ्य विभाग में उनका दबदबा कायम है।
इनका कहना है।
1- संजीवनी क्लीनिक को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना है इसके लिए भोपाल से अधिकारी विजिट पर आए हैं इस बीच मीडियाकर्मियों द्वारा डाक्टर के अनुपस्थित रहने का सवाल उठाया गया है और मीडिया कर्मियों के साथ भी अभद्रता करना देखा गया इस मामले पर वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी।
शिवशंकर तिवारी
एपीएम
2- मुझे पत्रकारों के द्वारा सूचना दी गई कि डाक्टर महेंद्रा द्वारा पत्रकारों से समाचार कवरेज के दौरान अभद्रता की गई है मैं तुरंत मौके पर पहुंचा वहां पत्रकारों की मौखिक शिकायत को संज्ञान लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
डा केबी गौतम
अर्बन नोडल अधिकारी रीवा।