Rewa news क्षेत्र का विकास जनता के लिए बना मुसीबत 8 वर्षों में भी नहीं पूरा हुआ काम।
प्रतिदिन हजारों लीटर सड़कों में बह रहा पानी, विजय प्लास्टिक कंपनी की मनमानी सबपर भारी।
विराट वसुंधरा/ ईशू केसरवानी
रीवा- चाकघाट नगर में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचने की जिम्मेदारी लेने वाले मे. विजय प्लास्टिक जयपुर द्वारा पाइप लाइन बिछाई जाने के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई है। जिसका परिणाम नगरवासियों को प्रतिदिन लंबे समय से भुगतना पड़ रहा है। स्थाई समाधान हेतु कोई सकारात्मक पहल देखने को नहीं मिल रहा है। एक तरफ सड़कों पर हजारों लीटर पानी बहने से कीचड़ तो दूसरी तरफ नए पाइप लाइन पर निर्भर लोगों के घरों में पानी का संकट बना हुआ है। बता दे कि योजना के अंतर्गत बिछाया गया नया पाइप लाइन आए दिन फट जाता है। ऐसे में नियमित रूप से घरों में शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है। पाइपलाइन फटने की समस्या सबसे अत्यधिक मंत्री चौराहे से लेकर फिल्टर प्लांट स्थल तक वार्ड क्रमांक 12 से सामने आ रहा है। यहां ऐसा कोई घर नहीं बचा है जिसके दरवाजे के सामने दो बार- चार बार राइजर पाइप लाइन न फटी हो।
8 वर्षों में नहीं सुधरी व्यवस्था।
साढ़े छः करोड़ों की लागत वाले इस योजना का क्रियान्वयन मापदंडों के अनुरूप नहीं किए जाने से बड़े पैमाने में बंदरबांट का आरोप है। हालांकि यह पूर्व कार्यकाल की देन है। बता दे कि चाकघाट नगर में विजय प्लास्टिक द्वारा कार्य करते हुए लगभग 8 वर्ष से अधिक समय बीत चुके हैं। इसके बावजूद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं है और लगातार कार्य में मनमानी की समस्याएं बनी हुई है। बता दे कि पाइपलाइन का सुधार किया जाए तो कई दिनों तक पानी सप्लाई बंद रहता है और नहीं किया जाएं तो कई-कई दिनों तक सड़कों पर हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहता रहता है। जिसकी वजह से सड़कों व घरों के बाहर कीचड़ जैसी स्थिति निर्मित हो रहा है और लोगों को भारी समस्याओं हो रहीं है। वर्तमान समय में भी मंत्री चौराहे से लेकर प्लांट तक तीन से चार स्थलों पर पाइपलाइन फटी हुई है परंतु कोई सुध लेने वाला नहीं है।
नहीं है लैब टेक्नीशियन।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकार्पण समय से 5 वर्ष तक मेंटेनेंस और संचालन का पूरा कार्य संबंधित ठेकेदार का है। जहां 20 अगस्त 2020 को लोकार्पण किये जाने के पश्चात आज लगभग 4 वर्ष बीत चुके हैं। परंतु संबंधित ठेकेदार की मनसा ठीक नहीं है और आज तक फिल्टर प्लांट में लैब टेक्नीशियन की पदस्थापना नहीं हुआ है। जिससे सप्लाई होने वाले पेयजल की गुणवत्ता में मॉनिटरिंग किया जा सके। चौकीदारों के भरोसे पूरा सिस्टम है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के पश्चात टूटे-फूटे अव्यवस्थाओं के साथ नगर परिषद के ऊपर डाल दिया जाएगा। जिसमें समस्त खर्च का वहन नगर परिषद को ही करना पड़ेगा। इसी प्रकार से तमाम अव्यवस्थाएं बनी हुई है।
कुंभकर्णी नींद में ठेकेदार।
नगर परिषद सीएमओ संजय सिंह से मिली जानकारी के अनुसार संबंधित ठेकेदार को कई बार नोटिस दिया जा चुका है। इसके बावजूद भी संबंधित ठेकेदार मौन है और कार्यवाही का भय नहीं है। कार्य कैसा चल रहा है व किस स्थिति में है कोई देखने सुनने वाला नहीं है। पुराने पाइप लाइन को अगर बंद कर दिया जाए तो नगर में नए पाइप लाइन से पानी सप्लाई करना असंभव हो जाएगा। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्य कितना गुणवत्तापूर्ण है। यदि लोहे आयरन की पाइपलाइन बिछाई जाएं तो उक्त क्षेत्र में पाइप लाइन फटने की समस्याओं का निराकरण हो सकता है। लोगों द्वारा रीवा कलेक्टर से पूरे मामले में कार्रवाई करने की मांग हुई है।