Rewa news, अमहिया की पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजनीति पर नया बवाल, सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक बार फिर साधा निशाना।
कौन रोक रहा था जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी की भाजपा में सदस्यता -?
विराट वसुंधरा
रीवा। अपनी बेवाक टिप्पणी के लिए मशहूर रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा का एक और वीडियो सोशल मीडिया में चल रहा है जिसकी चर्चा राजनीति के गलियारे में फिर से नया भूचाल ला दी है सांसद जनार्दन मिश्रा द्वारा बीते दिन गंगेव मुख्यालय में भाजपा की मेगा सदस्यता अभियान के दौरान जनपद पंचायत अध्यक्ष गंगेव विकास तिवारी के भाजपा में शामिल होने पर नई बात कह कर नया बवाल ही नहीं सवाल भी खड़ा कर दिये है इस बार भाजपा में सदस्यता रोकने को लेकर उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया है सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि बीते वर्ष रीवा कलेक्ट्रेट में दिशा समिति की बैठक में उनकी जान पहचान जनपद अध्यक्ष गंगेव विकास तिवारी से हुई थी उन्होंने कहा कि विकास तिवारी द्वारा बैठक में जो मुद्दे उठाए गए वह मुद्दे जनहित के थे विकास तिवारी कांग्रेस पार्टी के नेता थे बावजूद इसके समिति में उनके द्वारा रखे गए प्रश्न जनहित के होने के चलते विकास तिवारी उन्हें एक जनप्रतिनिधि के रूप में पसंद आए संसद द्वारा कहा गया कि अंदर ही अंदर वह विकास तिवारी को मानने लगे थे और यह कहा था कि विकास तिवारी के प्रस्ताव पर विचार किया जाना चाहिए।
भाजपा में रोकी गई थी सदस्यता।
जनता को संबोधित करते हुए सांसद मिश्रा ने कहा कि जब लोकसभा चुनाव आया तब उन्होंने विकास तिवारी से अपने लिए समर्थन मांगा सांसद ने कहा कि विकास तिवारी ने यह कहा कि मैं भाजपा में आना चाहता हूं जब भाजपा में विकास तिवारी को सदस्यता देने की बात आई तो उन्हें कुछ लोगों द्वारा सदस्यता देने से रोका गया था। सांसद ने इशारों-इशारों में अमहिया की बात कह दी, जाहिर सी बात है कि अमहिया की राजनीति में पीढ़ी दर पीढ़ी अगर राजनीति की बात हो तो त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी और उनके पिता जी और दादा जी पर ही बात पहुंचती है हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा कहां और क्या था कह रहे सभी ने समझ लिया है।
कौन है विकास तिवारी।
बीते वर्ष हुए पंचायती राज चुनाव में जनपद पंचायत गंगेव के तिवनी क्षेत्र से 1000 से अधिक मतों से चुनाव जीतने वाले विकास तिवारी अचानक सुर्खियों में आ गए थे वह इसलिए की उनके जो निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे हैं वह कोई साधारण हस्ती नहीं थे बल्कि सिद्धार्थ तिवारी के सगे परिवार से थे तिवनी क्षेत्र में सिद्धार्थ तिवारी के सगे परिवार के अलावा किसी की राजनीतिक दाल नहीं गलती लेकिन विकास तिवारी ने एकतरफा चुनाव जीतने में कामयाब हुए और अचानक सुर्खियों में आ गए और जब जनपद अध्यक्ष का चुनाव हुआ तब कई नामी गिरामी हस्तियों को पछाड़कर गंगेव जनपद के अध्यक्ष भी बन गए, जनपद अध्यक्ष के रूप में उन्होंने राजनीति का ऐसा झंडा गड़ा की देखते ही देखते न सिर्फ मनगवां विधानसभा क्षेत्र बल्कि रीवा की राजनीति में उनका नाम चलने लगा क्षेत्र के विकास को लेकर और तत्कालीन विधायक के खिलाफ मोर्चा खोलने का उनका अंदाज किसी दमदार नेता से कम नहीं था हालांकि वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे बावजूद इसके विकास तिवारी पूरे दमखम से अपने व्यवहार और राजनीतिक कौशल से जनता के बीच लोकप्रियता हासिल करने में काफी आगे निकल चुके थे।
विधानसभा चुनाव में दिखाया दम।
बीते विधानसभा चुनाव में विकास तिवारी ने कांग्रेस पार्टी के लिए मेहनत की इस चुनाव में भले ही कांग्रेस हारी हो लेकिन विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रभारी के तौर पर विकास तिवारी ने कड़ी मेहनत की और 40000 से अधिक मत पाने में कांग्रेस प्रत्याशी कामयाब रहीं जबकि भाजपा की तरफ से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम सिद्धार्थ तिवारी और स्वयं इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति और भाजपा का मजबूत संगठन चुनाव लड़ रहा था कांग्रेस के लिए बंजर हो चुकी मनगवां विधानसभा सीट पर विकास तिवारी ने जीतोड़ मेहनत की और कांग्रेस ने सम्मानजनक वोट भी प्राप्त किया था अपने व्यवहार और राजनीतिक कौशल की वजह से विकास तिवारी की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती गई और बीते 25 सितंबर को अब रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा के हाथों हजारों साथियों के साथ भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर राजनीति की नई पारी शुरू कर दिए है।