Rewa news, पुलिस का अजब-गजब, law n order सुस्त-सिस्टम फुस्स
रीवा में अपराध के रपट और फिर उल्लेख में लेट लतीफी! पुलिस द्वारा देरी का क्या है सबब..?
हो गई है पीर पर्वत सी, अब पिघलनी चाहिए, महज हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए, रीवा पुलिस अपनी good police की छवि को खराब नहीं होने देगी चाहे भले ही खुलासा करने में देरी ही क्यों न करना पड़े देर सबेर पुलिस ने जघन्य अपराध के चार आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी भी हासिल कर ली है ऐसे में कहा जा सकता है कि कमाल सिर्फ उत्तर प्रदेश की बहराइच पुलिस ही नहीं करती हमारे रीवा की पुलिस भी करती है। आज अपराध, कल रपट और फिर उल्लेख तीन दिन बाद, है ना अजब गजब मामला, अब बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है, पर बोलना और मुंह खोलना जरूरी है, क्योंकि जो हुआ है वह तो बताना ही पड़ेगा, तो चलिए आपको इस कार्यक्रम में बताते हैं अजब गजब वारदात की अजब गजब पुलिसिया कार्यप्रणाली की कहानी।
लगता है कि, जैसे रीवा पुलिस अपनी इमेज को कतई खराब नहीं होने देना चाहती, हमेशा good image बनाए रखना चाहती है और खुद ही एक अधिकारी दूसरे अधिकारी की पीठ थपथपाते हुए कहते नजर भी आते है कि well done Rewa police, good job हां भाई, सिंघम जो ठहरे ये सब, CM के सामने और उनके दौरे के समय तो अपनी इमेज खराब होने देना रीवा पुलिस कतई afford भी नहीं कर सकती, और रीवा पुलिस good image क्यों न रखे भला, good image बनी रहेगी आखिर, तभी तो बड़े बड़े आयोजनों में प्रदेश सरकार के मुखिया और मंत्रीगण यहां के पुलिस के बड़े बड़े अधिकारियों को बड़े बड़े पारितोषक यानी award से नवाजेंगे और प्रमोशन भी तो होगा ही।
तभी तो रीवा के गुढ़ इलाके में 21 अक्टूबर को पति पत्नी को बंधक बनाकर 8 दरिंदो द्वारा सामूहिक दुष्कर्म जैसी घृणित घटना, जिसकी FIR 22 अक्टूबर को लिखी गई, उस घटना का उल्लेख रीवा एसपी महोदय विवेक सिंह जी 25 अक्टूबर को PRO REWA की सोशल अकाउंट पेज पर करते है। अब इतनी देरी बेवजह तो नहीं हुई होगी जनाब, कुछ तो वजह होगी ही इस देरी की, वो कहते भी है न कि, यूं ही कोई बेवजह बेवफा नहीं होता, तो वजह थी न जनाब, और बड़ी माकूल वजह थी।
ज्ञात हो कि घटना के दिन ही मुख्यमंत्री मोहन यादव रीवा एयरपोर्ट का उद्घाटन कर रहे थे और फिर 23 तारीख को दोबारा रीवा आकर रीजनल उद्योगपतियों वाली इन्वेस्टर मीट कर रहे थे, तो ऐसे में कैसे उन दिनों रीवा की गुड पुलिस भला सामूहिक दुष्कर्म जैसे छवि खराब करने वाले मामले का खुलासा कर देती, आप खुद ही सोचिए जरा। है कि नहीं। क्या छवि रह जाती रीवा पुलिस की सबके सामने, साथ ही उस समय एक दम से खुलासा हो जाता तो पता नहीं कौन कौन नप भी जाता, यानी सीएम के कोप का भाजन बन जाता। तो बड़ी सफाई से उस समय मामला दबा लिया गया, काम आखिर बन ही गया मुख्यमंत्री के दौरे पर स्थानीय पत्रकारों से अधिक बाहर से आए पत्रकारों को अधिक तबज्जो देना भी कहीं इसी कड़ी का हिस्सा तो नहीं था
वर्ना ये वही रीवा की पुलिस है जो दो चार शीशी कोरेक्स या कुछ सौ ग्राम गांजा पकड़ने पर, दो चार गाड़ियों का चलान काटने पर, या छोटी मोटी चोरी का भी खुलासा करने में जरा भी वक्त नहीं गंवाती और बड़ी बड़ी प्रेस वार्ता का आयोजन कर अपने मुंह मियां मिट्ठू आप ही बनती है, यानी अपना गाल आप बजाती है, अपने पीठ खुद थपथपाती है, इस घटना में इतना ही नहीं बल्कि pro रीवा भी 25 अक्टूबर को रीवा sp का video संदेश पोस्ट करते हैं सोशल मीडिया अकाउंट में जैसे फेसबुक पर और लिखते है गत दिवस की घटना। अब 25 अक्टूबर का गत दिवस क्या होगा भला, क्या ये बताने की जरूरत है आप दर्शकों को जबकि यह घटना 21 अक्टूबर की है PRO Rewa जी,
खैर, जल्दी से आपको एक बार पूरा घटनाक्रम बता दे,
21 October को सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई, जहां आधा दर्जन से अधिक नर पिशाचों ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है, मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़ थाना छेत्र स्थित भैरव बाबा नामक पिकनिक स्पॉट में घूमने आए पति-पत्नी के साथ ऐसा कृत किया की सुनकर इंसानियत भी शर्मा जाए, पति को पेड़ से बांध दिया और पति के सामने ही उसकी पत्नी का गैंग रेप किया।
रीवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा है 8 आरोपियों में से सात आरोपी पकड़ाए हैं. जो रीवा सतना मऊगंज जिले रहने वाले हैं पकड़े गए हैं एक आरोपी फरार है जिसे पुलिस तलाश कर रही है यकीनन पुलिस ने इस घटना के बाद आरोपियों को पकड़ने में देर नहीं की है लेकिन सवाल सिर्फ यह उठता है कि इतनी बड़ी घटना क्या आरोपियों को पकड़ने के लिए छिपाई जा रही थी या मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर पर्दा लगाया गया था सवाल तो सवाल है पुलिस ने कार्यवाही करके जवाब दे दिया लेकिन विपक्ष सरकार से सवाल करता रहेगा।
अब इस मामले में थोड़ा रीवा की राजनीति यानी सियासत की भी बात कर ले, तो सत्ता पक्ष से तो अब तक किसी का बयान सामने नहीं आया और शायद किसी के बयान की उम्मीद करना भी बेकार ही है, क्योंकि आमतौर पर ऐसे मामलों में सत्ता पक्ष वाले नेता कम ही बोलते हैं, रही बात विपक्ष की तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार और law n ऑर्डर को जमकर कोसा है, भड़ास निकाली है, तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री कविता पांडेय समाजसेवी संगठन नारी चेतना मंच के अजय खरे जैसे नेताओं ने इस मामले में पीड़िता का साथ देने की बात कही है और पुलिस की कार्यप्रणाली और सरकार को जमकर कोसा है, विपक्ष में होने के नाते ही सही लेकिन सत्ता पक्ष को ताल ठोक कर कटघरे में खड़ा किया है, सिस्टम पर सवालिया निशान लगाए है और घटना को लेकर सियासत शुरू है।
सोचिए ऐसे में अब अगर ये कहे कि, सिस्टम सड़ांध मार चुका है तो क्या गलत होगा, हम चाहेंगे की हमारे पाठक कमेंट में अपनी प्रतिक्रिया मर्यादित भाषा में जरूर दें।