MP news, cyber crime से सतर्क रहें सावधान रहें, अब साइबर ठग गिरोह ने ठगी करने का बनाया नया प्लान।
साइबर ठग गिरोह सक्रिय, ऑनलाइन कियोस्क संचालकों और दुकानदारों को बना रहे निशाना।
विराट वसुंधरा/ शैलेन्द्र मिश्रा
मध्यप्रदेश के रीवा जिले में इन दिनों एक संगठित साइबर ठग गिरोह ने लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। यह गिरोह स्थानीय दुकानदारों और ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़े कियोस्क संचालकों को ठगी का शिकार बना रहा है। यह ठग गिरोह स्ट्रीट मैप का इस्तेमाल कर लोगों के पते का पता लगाता है और खुद को ठेकेदार या व्यापारी बताकर संपर्क करता है।
ऐसे करते हैं ठगी।
ठग सबसे पहले कियोस्क संचालकों से संपर्क कर पूछते हैं कि वे प्रति हजार रुपये पर कितना कमीशन लेंगे। मनचाहा कमीशन बताने के बाद, ठग उन्हें पैसे ट्रांसफर करने के लिए अपने खाते की जानकारी देते हैं। जब राशि ट्रांसफर हो जाती है, तब ठग तुरंत अपना मोबाइल फोन बंद कर देते हैं। हाल ही में, गढ़ ग्राम पंचायत के एक कियोस्क बैंकिंग सेंटर से 19,800 रुपये की ठगी का मामला सामने आया है।
स्थानीय दुकानदार भी बन रहे हैं शिकार।
यह गिरोह स्थानीय दुकानदारों को भी ठगी में उलझाने के लिए उनके परिचितों के नाम और पते का उल्लेख करता है, जिससे दुकानदारों को विश्वास हो जाता है कि यह उनके जान-पहचान का व्यक्ति है। कुछ मामलों में ठग दुकानदार से पैसे ट्रांसफर करवाकर कहते हैं कि उनका कमीशन भी ले लें और शेष राशि उनके खाते में डाल दें।
पुलिस को जानकारी, पर कार्रवाई नदारद
ठगी की बढ़ती घटनाओं को लेकर पुलिस से संपर्क किया गया, परंतु संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया है। जिले में मोबाइल और बैंक खातों से हर साल लाखों रुपये की ठगी हो रही है। ऐसे में प्रशासन की निष्क्रियता और असफलता लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
आवश्यकता है सख्त कदम उठाने की।
संचार क्रांति के इस युग में साइबर ठगी की ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सरकार और प्रशासन को इस प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए त्वरित और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं, नागरिकों को भी सावधानी बरतते हुए अज्ञात लोगों के साथ बैंकिंग लेन-देन से बचना चाहिए।