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Rewa news बकरी चोर गिरोह सक्रिय 30 बकरियां पार थाना के चक्कर काट रहे किसान।

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Rewa news बकरी चोर गिरोह सक्रिय 30 बकरियां पार थाना के चक्कर काट रहे किसान।

मनगवां में चोरों का कहर: थाना प्रभारी की निष्क्रियता से पीड़ित गरीब किसान बेबस,

 

विराट वसुंधरा / यज्ञ प्रताप सिंह
रीवा । जिले के मनगवां थाना क्षेत्र में चोरों का आतंक चरम पर है, जिससे आम जनता भयभीत और निराश है। प्रशासन की लापरवाही के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और गरीब तबके के लोगों का जीना दूभर हो गया है। ताज़ा घटना में मनिकवार क्षेत्र के गरीब किसान रामबहोर यादव, पिता शिवनाथ यादव के घर से चोरों ने एक ही रात में 30 बकरियां चोरी कर लीं। रामबहोर का कहना है कि परिवार के सभी सदस्य घर में सो रहे थे, तभी रात्रि के सन्नाटे का फायदा उठाकर चोर आए और गाड़ी में भरकर उनकी बकरियों को उठा ले गए। चोरों के इस निडर रवैये ने क्षेत्रवासियों के मन में भय का माहौल पैदा कर दिया है। लेकिन, इस भयावह घटना पर भी स्थानीय पुलिस प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। पीड़ित परिवार और क्षेत्रवासियों का मानना है कि यदि प्रशासन समय रहते सक्रिय होता, तो इस तरह की वारदातों पर लगाम लगाई जा सकती थी। इस घटना ने पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

गरीब किसान पर टूटा मुसीबत का पहाड़

रामबहोर यादव का परिवार बकरी पालन के माध्यम से अपने घर का खर्चा चलाता था। अचानक उनके पास जीवनयापन का यह साधन भी खत्म हो गया है। एक गरीब किसान के लिए 30 बकरियां ही उसकी आय का मुख्य साधन थीं, लेकिन अब उनकी चोरी हो जाने से पूरा परिवार टूट चुका है। रामबहोर बताते हैं, “प्रशासन को घटना की जानकारी देने के बाद भी अब तक हमें किसी तरह की राहत नहीं मिली है। हमें उम्मीद थी कि पुलिस हमारी बकरियों को खोज निकालेगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।”

पीड़ित परिवार के साथ खड़े स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की यह बेरुखी गरीबों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता को दर्शाती है। घटना को कई दिन बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जो प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

26 तारीख की रात राम लाल यादव के घर में भी 9 बकरियों की चोरी हुई है जिसमें अभी तक प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है रामलाल यादव ने बताया कि थाना प्रभारी के द्वारा किसी तरह से कोई बातचीत नहीं की गई है इसके कारण वह काफी उदास और नाराज है और निराश हो कर अपने घर में बैठे हुए हैं कब आएगा मंनगवा थाना प्रभारी को होश और करेंगी कार्रवाई कब मिलोगे गरीबों को न्याय

मनगवां पुलिस पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल

जब हमारे संवाददाता ने मनगवां थाना प्रभारी से इस घटना पर जानकारी चाही, तो उनका रवैया लापरवाही से भरा हुआ था। उन्हें मामले की पूरी जानकारी तक नहीं थी, जो दर्शाता है कि थाना प्रभारी आम जनता की समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि थाना प्रभारी यदि पूरी तत्परता से अपने कर्तव्यों का पालन करते, तो अपराधियों में भय होता और क्षेत्र में शांति कायम रहती।

सूत्रों की मानें तो मनगवां थाना क्षेत्र में एक बार कोरेक्स तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के बाद से थाना प्रभारी स्वयं को उच्च स्थान पर मानते हुए काम कर रहे हैं। उनके इस रवैये के कारण क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार, चोरी और सेंधमारी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। अपराधियों को प्रशासन का कोई डर नहीं है, और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

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प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए तत्परता, गरीब के लिए लापरवाही?

यहां सवाल यह भी उठता है कि यदि यह घटना किसी रसूखदार व्यक्ति के साथ हुई होती, तो क्या तब भी प्रशासन की यही लापरवाही होती? उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे आजम खान की भैंस के गुम हो जाने पर पूरी पुलिस उनकी भैंस को खोजने में जुट गई थी। लेकिन यहां एक गरीब किसान की 30 बकरियां चोरी हो गईं और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। यह भेदभावपूर्ण रवैया समाज में असमानता को बढ़ावा देता है और आम लोगों का पुलिस प्रशासन से भरोसा कमजोर करता है।

स्थानीय लोगों की नाराज़गी और सवाल।

क्षेत्र के अन्य नागरिक भी इस घटना से आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि मनगवां थाना क्षेत्र में बढ़ती चोरियों और अवैध गतिविधियों के बावजूद पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि पुलिस सच में चाहती, तो रामबहोर यादव की बकरियां अब तक मिल चुकी होतीं।

मनगवां थाना क्षेत्र के नागरिकों का यह भी कहना है कि अगर पुलिस समय रहते सक्रिय नहीं हुई, तो ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं। नागरिकों ने मांग की है कि जिला प्रशासन को मामले का संज्ञान लेते हुए कठोर कदम उठाने चाहिए, ताकि क्षेत्र में अपराधियों में भय बना रहे और आम जनता को राहत मिल सके।

प्रशासन की निष्क्रियता से न्याय की आस टूटी।

पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता से पीड़ित परिवार ने अब न्याय की उम्मीद छोड़ दी है। वह अब यही मानकर चल रहे हैं कि उनकी बकरियां वापस नहीं मिलेंगी। इस घटना ने क्षेत्र के अन्य किसानों और पशुपालकों में भी डर का माहौल पैदा कर दिया है। यदि पुलिस प्रशासन इसी तरह से निष्क्रिय रहा, तो आने वाले समय में क्षेत्र में अपराधों की संख्या और बढ़ सकती है।

क्या प्रशासन देगा गरीब को न्याय?

अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस गरीब किसान को न्याय दिला पाएगा? या फिर यह मामला भी केवल कागजों में दबकर रह जाएगा? आम जनता को प्रशासन से न्याय की उम्मीद है, लेकिन प्रशासन की बेरुखी ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है। क्या इस क्षेत्र में कभी आम जनता को न्याय मिलेगा, या फिर रसूखदार लोगों के लिए ही पुलिस तत्परता से काम करेगी?

रीवा जिले का मनगवां थाना क्षेत्र इस समय प्रशासन की निष्क्रियता और चोरों के आतंक का शिकार बना हुआ है। ऐसे में जरूरत है कि पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते हुए आम जनता को राहत प्रदान करे और क्षेत्र में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए।

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