Mauganj news:नईगढ़ी में बीएमओ पर भारी नर्स ,प्रसूता की कोख में बच्चे की मृत्यु के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही विभाग बना अंजान।
मऊगंज।* मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले का हर विभाग भ्रस्टाचार की कोख में पल रहा है भले ही किसी प्रसूता का बच्चा नर्स की मनमानी से कोख में दम तोड़ दे। जिले के नईगढ़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लंबे अर्से से कुंडली मारकर काबिज नर्स रामवती पटेल की हरकतें कुछ इसी तरह की हैं। नर्स के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा अधिकारियों की टेबल पर धूल फांक रहा है और नर्स की सेहत पर कोई फर्क नहीं पद रहा है। जानकारी के मुताबिक नईगढ़ी के पुरवा गांव निवासी संजय योगी ने 9 अगस्त की सुबह अपनी पत्नी प्रियंका को प्रसव पीड़ा होने पर नईगढ़ी अस्पताल में दाखिल कराया आरोप है कि नर्स ने सामान्य प्रसव होने का दावा करते हुए प्रियंका को अस्पताल में ही रखा जब काफी समय हो गया तब परिजनों ने रीवा रेफर करने की बात कही लेकिन मनमानी पर उतारु नर्स ने परिजनों की फ़रियाद को अनसुना कर दिया। जब पानी सिर से ऊपर होने लगा तब रामवती ने प्रियंका को रीवा रेफर कर दिया लेकिन वहां जाने पर पता चला देरी की वजह से बच्चा नहीं रहा किसी तरह प्रियंका की जान बचाई गई। इसके अलावा नईगढ़ी निवासी आशीष शुक्ला ने भी आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी राधा शुक्ला को प्रसव पीड़ा हुई तो वे भी पत्नी को लेकर नईगढ़ी अस्पताल पहुंचे लेकिन रामवती ने पैसे की मांग की। आशीष ने आरोप लगाया कि मरीजों के परिजनों से पैसे की मांग करना नर्स की आदत में शुमार है ,परिजनों से आये दिन इसी बात को लेकर विवाद के हालात बनते हैं। नर्स की शिकायत सीएमएचओ रीवा से की गई थी जिसमे जांच का जिम्मा मऊगंज के बीएमओ डॉक्टर एसडी कोल जो मौजूदा समय में नईगढ़ी में ही पदस्थ हैं और संविदा डॉक्टर रेखा सिंघल को सौपी गई थी लेकिन रेखा सिंघल के हस्ताक्षर के बगैर ही डॉ.कोल ने जांच रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंप दी। राकेश ने दो बार सीएम हेल्प लाइन में भी नर्स की शिकायत की एक बार दबाव बनाकर शिकायत तक वापस करवा दी गई। हाल ही में संजय योगी और राकेश ने कलेक्टर को नए सिरे से शिकायत की है। सवाल यह है क्या नर्स बीएमओ डॉ.कोल पर इतना भारी है कि वो उसके खिलाफ एक्शन लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। अगर यही रवैया रहा तो क्या नईगढ़ी की जनता सब काम छोड़कर नर्स के खिलाफ अफसरों को आवेदन देते फिरती रहेगी और कोई कार्यवाई भी नहीं होगी।