Rewa news:जय स्तंभ का अपमान अमर शहीदों का अपमान और राष्ट्रद्रोह : अजय खरे
लगातार उपेक्षित है आजादी के आंदोलन का प्रतीक जय स्तंभ
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर भी नहीं की गई सजावट
रीवा । समता सम्पर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने कहा है कि यह बराबर देखने को मिल रहा है कि देश की आजादी के आंदोलन का ऐतिहासिक प्रतीक जय स्तंभ रीवा शहर में लंबे समय से गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता-दिवस और मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। ऐसे मौकों पर जब प्रशासन के द्वारा तमाम शासकीय भवनों एवं शहर के मुख्य चौराहों की सजावट करके रात्रिकालीन रोशनी की व्यवस्था की जाती है , वहीं ऐतिहासिक जय स्तंभ को नजर अंदाज किया जा रहा है। श्री खरे ने बताया कि गत 15 अगस्त को जय स्तंभ की सजावट नहीं किए जाने पर उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा सम्मान के रूप में दिया जाने वाला शाल श्रीफल स्वीकार नहीं करके प्रतीकात्मक विरोध किया था। लेकिन इसका कोई असर देखने को नहीं मिला है। यह भारी विडंबना है कि देश की आजादी के प्रतीक स्तंभ की जानबूझकर निरंतर उपेक्षा की जा रही है। श्री खरे ने कहा कि जय स्तंभ को हटाने का षड्यंत्र 75 दिन के दीप प्रज्वलन सत्याग्रह के माध्यम से 10 मई 2022 को विफल कर दिया गया लेकिन जय स्तंभ की दुर्दशा अभी भी बनी हुई है। जय स्तंभ परिसर में जेपी सीमेंट के द्वारा अनाधिकृत रूप से बनाया गया समानांतर स्तंभ बेहद आपत्तिजनक है। श्री खरे ने कहा कि ऐतिहासिक जय स्तंभ परिसर का कम से कम रीवा के अन्य चौराहों की तरह सौंदर्यीकरण होना चाहिए। श्री खरे ने कहा कि जिस तरह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान राष्ट्रद्रोह है ठीक उसी तरह जय स्तंभ की उपेक्षा को भी अमर शहीदों का अपमान और राष्ट्रद्रोह माना जाना चाहिए। इसे लेकर प्रशासनिक जवाबदेही तय होना चाहिए।