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Rews news, रोज़गार सहायक की नियुक्ति फर्जीवाड़ा मामले में जिला पंचायत सीईओ के आदेश को जांच कमेटी दिखा रही ठेंगा।

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Rews news, रोज़गार सहायक की नियुक्ति फर्जीवाड़ा मामले में जिला पंचायत सीईओ के आदेश को जांच कमेटी दिखा रही ठेंगा।

अधिकारियों के रहमो-करम पर जाली दस्तावेज के जरिए नौकरी पाने वाले GRS पर कब होगी कार्रवाई-?

 

विराट वसुंधरा
रीवा । जिले का चर्चित जनपद पंचायत गंगेव कभी भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में बना रहता है तो कभी बेलगाम अधिकारियों के मनमानी से चर्चा में आ जाता है ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत गोदरी 10 में पदस्थ ग्राम रोजगार सहायक दीपक सिंह के द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का है जिसमें अधिकारियों द्वारा पर्दा डालने का काम किया जा रहा है शिकायतकर्ता समाजसेवी भूपेंद्र सिंह ग्राम गोंदरी द्वारा बताया गया कि रोजगार सहायक के नियुक्ति के संबंध में उनके द्वारा शिकायत की गई थी जिसमें जिला पंचायत सीईओ द्वारा टीम गठित कर जांच के आदेश दिए गए थे उस आदेश के पालन में मुझे बीते दिनांक 11.09.2024 को ग्राम पंचायत गोदरी -10 के कार्यालय में समस्त दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का जांच टीम द्वारा निर्देश दिया गया था लेकिन जांच दल मौके पर नहीं पहुंचा उक्त शिकायत की जॉच हेतु जनपद पंचायत गंगेव के सहायक यंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, और सहायक लेखाधिकारी की तीन सदस्यीय कमेटी गठित है लेकिन जांच टीम की उदासीनता के चलते अभी तक फर्जी नियुक्ति की जांच का मामला अधर में लटका हुआ है।

एपीओ की भूमिका संदिग्ध।

शिकायतकर्ता भूपेंद्र सिंह द्वारा दिनांक 5 नवंबर को पुनः जनपद पंचायत गंगेव पहुंच कर जांच टीम की सदस्य श्रीमती श्रुति त्रिवेदी (APO) अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी शिकायत पत्र देकर जिला पंचायत सीईओ के आदेश के अनुसार जांच और कार्यवाही करने का शिकायत पत्र दिया है इसके साथ ही वाट्सएप में रोजगार सहायक दीपक सिंह के गृह ग्राम नौढ़िया का परिवार आई.डी. एवं ग्राम पंचायत चौड़ियार जनपद पंचायत रीवा की बी. पी. एल. कार्ड जारी करने वाले रजिस्टर की छायाप्रति उपलब्ध कराई गई है शिकायतकर्ता द्वारा संदेह किया जा रहा है कि इस पूरे मामले में एपीओ श्रुति त्रिवेदी की भूमिका संदिग्ध है जानबूझकर मामले को लटका रहीं हैं।

आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग।

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शिकायतकर्ता का आरोप है कि रोजगार सहायक दीपक सिंह द्वारा जाली दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन सरपंच और सचिव की मिली भगत से अवैध नियुक्ति प्राप्त की गई थी इस पूरे मामले में तत्कालीन सरपंच और सचिव द्वारा निजी लाभ से प्रेरित होकर फर्जी दस्तावेज बनाकर पद का दुरुपयोग किया गया और फिर उन्ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध तरीके से रोजगार सहायक पद पर नियुक्ति देकर अपराधिक कृत्य किया गया है इस फर्जी बाद में दीपक सिंह तत्कालीन सरपंच और सचिव बराबर के दोषी हैं उन्होंने कहा कि तीनों व्यक्तियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के साथ ही रोजगार सहायक दीपक सिंह की सेवाएं समाप्त करनी चाहिए लेकिन गंगेव जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा इस मामले को दबाकर रखा गया है और दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।

बड़ा सवाल।

जब शिकायतकर्ता की शिकायत पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा दिनांक 09/08/2024 को पूरे मामले की जांच करने के लिये तीन अधिकारियों की जांच टीम गठित कर दी गई है तब संबंधित जांच टीम के द्वारा जांच क्यों नहीं की जा रही है, शिकायतकर्ता को भटकाया क्यों जा रहा है, जनपद पंचायत गंगेव के संबंधित अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं इस मामले को जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान लेकर जांच टीम के अधिकारियों पर भी अनुशासनिक कार्रवाई की जानी चाहिए।

 

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