Maihar news:आदिवासी बस्ती सलैया खेर का प्राथमिक विद्यालय अतिथि शिक्षक के हवाले!
जिला ब्यूरो डॉ.राजकुमार गौतम
मैहर । शासन द्वारा छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए भले ही नए-नए आयाम स्थापित किया जा रहे हों , खासकर आदिवासी बहुल इलाकों में स्थित विद्यालयों में इसका विशेष फोकस ही क्यों न किया जा रहा हो ,लेकिन आलम यह है कि शिक्षा विभाग की बदहाल व्यवस्था के चलते ग्रामीण अंचलों में स्थित स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था ठप नजर आ रही है। यहां पदस्थ नियमित शिक्षक अतिथि शिक्षकों के हवाले विद्यालय छोड़कर अपने घर का काम संभाल रहे हैं।विराट वसुंधरा द्वारा विगत दिनों ग्राम पटेहरा स्थित शासकीय प्राथमिक पाठशाला में पदस्थ एक शिक्षक द्वारा अपनी जगह पर रेडीमेड शिक्षक लगाकर शैक्षणिक व्यवस्था कराए जाने का मामला प्रकाशित किया गया था लेकिन विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई ,वहीं दूसरा मामला प्राथमिक पाठशाला सलैया खेर का आया है जहां पदस्थ नियमित शिक्षक फूलचंद साकेत एक महिला अतिथि शिक्षक के हवाले विद्यालय एवं छात्रों का जिम्मा सौंपकर रफू चक्कर रहते हैं। सवाल उठता है कि शिक्षा विभाग में कब कहां ताला खुलता है कब कौन शिक्षक स्कूल आते जाते हैं इसका जिम्मा क्या शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को दे रखा है और दे भी रखा हो तो ईमानदारी के साथ मीडिया द्वारा प्रकाशित की गई खबरों पर तत्काल अमल क्यों नहीं किया जा रहा? ग्राम सलैया खेर पहुंची मीडिया टीम को ग्रामीणों ने जानकारी में बताया कि यहां पदस्थ शासकीय शिक्षक फूलचंद साकेत कभी-कभार विद्यालय आते हैं तथा आने के बाद कुछ समय रहकर यहां से नदारत हो जाते हैं ।विद्यालय पूरी तरह असुरक्षित और बाउंड्रीवॉल विहीन है ऐसी स्थिति में नादान छात्र-छात्राओं एवं एकमात्र महिला अतिथि शिक्षक के हवाले अपनी जिम्मेदारी छोड़कर जाने वाले शिक्षक फूलचंद साकेत निश्चित रूप से अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरत रहे हैं। विद्यालय में गेट तक की व्यवस्था नहीं है लिहाजा कभी भी असुरक्षा से संबंधित मामला सामने आ सकता है। शासन द्वारा वेतन के रूप में भारी भरकम राशि प्राप्त करने के बावजूद भी संबंधित शिक्षक को विद्यालय में ड्यूटी करने की फुर्सत नहीं है।अब देखना होगा की शिक्षा विभाग में बैठे हुए आला अधिकारी संबंधित शिक्षक पर किस तरह की कार्यवाही करते हैं।