Rews news, जिले में हो रही अवैध खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने जिम्मेदारों को करनी चाहिए कठोर कार्रवाई।
रीवा जिले में धड़ल्ले से मिलावटी खाद की बिक्री और कालाबाजारी का धंधा फल-फूल रहा है जबकि संभागीय मुख्यालय होने के नाते कमिश्नर, जिले के कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार मौजूद हैं लेकिन सभी विभागों में आवश्यक कसावट नहीं की जा रही स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग खनिज विभाग सहित अन्य विभागों में जिस तरह के हालात हैं किसी से छिपे नहीं है अधिकारी अपने-अपने दायित्व से विमुख होते हुए अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति कर अपनी तिजोरिया भर रहे हैं। एक जमाना था जब विपक्षी दल ही नहीं सत्ता दल के नेता भी सभी विभागों की जमीनी हकीकत पर नजर रखते थे जनता की समस्याओं को अपनी समस्या जैसा मानकर निराकरण करते थे वर्ष 2004 के पहले सत्ता और विपक्ष के नेता जमीनी हुआ करते थे लेकिन अब राजनीति में जमीनी नेता की जगह ठेकेदार, रिटायर्ड अधिकारी कर्मचारी सत्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, और जनता जनार्दन भगवान के भरोसे छोड़ दी गई है ताजा उदाहरण मनगवां तहसील और त्योंथर तहसील का है जहां मनगवां तहसील क्षेत्र में तीन जगह डीएपी खाद या सुपर फास्फेट रखड़ दानेदार की बनाकर सरेआम बिक्री की गई है सोहागी गढ़ मनगवां से रीवा जिले ही नहीं बयौहारी तक यहां की बनी हुई खाद भेजी गई है रीवा जिले में हर स्थान पर गाड़ियां अवैध परिवहन करती रही जबकि पुलिस का भी फर्ज बनता है कि वाहनों से परिवहन किया जा रहे सामग्री की जांच परख कर सकता है पुलिस भी इस मामले में कुछ नहीं कर पाई यहां तक कि लोगों ने कृषि विभाग के अधिकारियों को कई बार फोन भी लगाया वास्तविक स्थिति से अवगत कराया लेकिन अधिकारियों द्वारा कार्यवाही करना तो दूर की बात है शिकायतों को समझना और गंभीरता से लेना भी उचित नहीं समझा।
देखा जा रहा है कि खेती किसानी से जुड़े लोगों को खाद न मिलने से प्राइवेट दुकानों से लेने के लिए मजबूर हैं चाहे शासन से अनुबंध पैक समिति हो या प्राइवेट डीलर हो खाद्य बिक्री करने वालों को पी ओ एस मशीन से खाद वितरण करने का नियम है वावजूद इसके कालाबाजारी का धंधा खूब फल फूल रहा है किसानों की समस्या कोई सुनने को तैयार नहीं है किसान संगठन पर अगर नजर दौड़ाएं तो वह भी किसी न किसी राजनीतिक दल से तालुकात रखते हैं ऐसे में किसान संगठनों से भी किसानों को उम्मीदें कम है कि उनके हितों की रक्षा के लिए किस संगठन निर्णायक भूमिका अदा करेंगे। यूरिया और डीएपी खाद अधिक दाम पर बेची जा रही है और किस खरीदने के लिए मजबूर है, व्यापारियों द्वारा एक तरफ जहां महंगें दाम पर सामग्री बेच कर मुनाफाखोरी की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ इनकम टैक्स विभाग भी ऐसे व्यापारियों पर नजर नहीं रखता दिनों दिन व्यापारियों द्वारा कालाबाजारी का कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है।
देखा जाए तो रीवा संभाग आयुक्त और कलेक्टर तथा अनविभागीय अधिकारी और तहसीलदारों को ही नहीं बल्कि पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी खाद की कालाबाजारी मुनाफाखोरी पर नजर रखनी चाहिए जिस तरह से मिलावटी खाद बिक्री के लिए परिवहन की जा रही है अगर समय रहते इसे नहीं रोका गया तो हालात इस तरह से हो जाएंगे जैसे प्रतिबंधित गांजा और मेडिकल नशा का अवैध कारोबार विकराल रूप धारण कर चुका है जिसे रोकने के लिए शासन प्रशासन संघर्ष कर रहा है। हालाकि आज रीवा एसडीएम द्वारा शहर के गुढ़ मार्ग स्थित बजरंग खाद-बीज भंडार में छापामारी की गई है जहां गड़बड़ी पाए जाने की आसंका जताई जा रही है अगर रीवा और मऊगंज जिले की अन्य खाद बीज भंडार में इसी तरह से प्रशासन कार्यवाही करें तभी संभव है कि खाद की कालाबाजारी और मिलावट खोरी पर अंकुश लगेगा।