- Advertisement -

- Advertisement -

Rewa news किसानों की मेहनत पर मिलावटखोरी का डाका: जिम्मेदार कौन-?

- Advertisement -

Rewa news किसानों की मेहनत पर मिलावटखोरी का डाका: जिम्मेदार कौन-?

 

रीवा। जिले में किसानों के खून-पसीने से अर्जित मेहनत की कमाई को मिलावटखोरों की गैंग लूट रही है हम बात कर रहे हैं उस खेती और किसान की जो भीषण ठंडी गर्मी और बरसात में अपनी खून पसीना बहा कर धरती से दौलत पैदा करता है जो अनाज देश के हर अमीर गरीब की भूख मिटाता है और सरकार का बड़ा बोट बैंक है उसी अन्नदाता को अब नकली खाद बीज इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है मिलावटखोरों का गैंग ऐसा सक्रिय है कि हर जगह खाद बीज में मिलावट खोरी की शिकायतें आम हो चुकी है। खाद बीज में मिलावट खोरी एक गंभीर समस्या है और वर्तमान तथा भविष्य में अन्नदाताओं के लिए बड़े संकट से कम नहीं है शासन प्रशासन की इस मामले में निष्क्रियता इस गंभीर समस्या को और बढ़ा रही है

बता दें कि गांव-गांव में मिलावटी डीएपी खाद की बिक्री की जा रही है कुछ किसान मजबूरी में मिलावटी खाद खरीद रहे हैं तो कुछ नासमझी में इस गोरखधंधे में मुनाफाखोरों की बल्ले-बल्ले है तो वहीं विभाग के जिम्मेदारों की जेब भी भरी जा रही होगी इससे इन्कार नहीं किया जा सकता खाद की मिलावटखोरी और अवैध कंपनियों की सक्रियता ने किसानों को परेशान कर दिया है। भारतीय जन उर्वरक परियोजना कंपनी की खाद, जो मानक के अनुसार 50 किलो 200 ग्राम होनी चाहिए, उसे 51 किलो 800 ग्राम के रूप में बेचने की शिकायतें किसानों द्वारा मिली हैं। माना जा रहा है कि खाद में अतिरिक्त वजन मिलावट और धोखाधड़ी का संकेत है, जो किसानों के लिए आर्थिक और उत्पादन हानि का कारण बन रहा है।

यहां ताज्जुब की बात तो यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई अवैध कंपनियां सक्रिय हैं, जबकि आधिकारिक रूप से यहां ऐसी कोई कंपनी नहीं है। ये कंपनियां किसानों को ठगने का काम कर रही हैं। अक्टूबर 2024 से लेकर अब तक मिलावटखोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं, रीवा और मऊगंज जिले के अधिकांश तहसील क्षेत्र में इस तरह की खबरें आ रही है कि खाद की नई कंपनियां धड़ल्ले से किसानों को खाद बेच रही है हालांकि इससे पहले हम लगातार खबरें प्रकाशित करके सरकार और जनता को यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि किसानों को मिलावटी खाद बेची जा रही है वावजूद इसके अब तक किसी भी प्रकार से मिलावटी खाद विक्रय पर जिम्मेवारों ने ध्यान नहीं दिया।

कुछ किसान संगठनों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर इस समस्या पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाएंगे। संगठनों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि अब तक कितने गोदामों और दुकानों पर छापेमारी की गई है? अधीनस्थ कर्मचारी अगर अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय तिजोरियां भरते रहेंगे, तो किसानों की मेहनत पर लगातार चोट होती रहेगी।

किसानों संगठनों ने प्रदेश सरकार से की यह मांग।

1. विशेष जांच दल (SIT) का गठन
जिला कलेक्टर की अगुवाई में एक विशेष जांच दल गठित हो, जो मिलावटखोरी की गहन जांच करे।

2. अवैध कंपनियों पर सख्त कार्रवाई
उन सभी अवैध कंपनियों को तुरंत बंद किया जाए, जो किसानों को लूट रही हैं।

- Advertisement -

3. शिकायत प्रणाली का निर्माण
किसानों की शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, जहां वे तुरंत जानकारी दे सकें।

4. किसानों की जागरूकता
किसानों को सही खाद और बीज की पहचान के लिए जागरूक किया जाए।

अन्नदाता के अधिकारों की रक्षा जरूरी

किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन और सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में खेती प्रभावित होगी। इसका असर केवल किसानों पर ही नहीं, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा पर भी पड़ेगा।

सख्त संदेश जरूरी

यह वक्त है जब सरकार और प्रशासन मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और मिलावटखोरी की जड़ तक पहुंचा जाए। अन्नदाता को बचाने के लिए सभी जिम्मेदारों को अपने कर्तव्य का पालन करना होगा।

हमें भेजें जानकारी।

(यह लेख किसानों की पीड़ा और उनके अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है, खबर जनहित और लोकहित से जुड़ी हुई है। आम जनता हमें ऐसी सभी समस्याओं कालाबाजारी मिलावटखोरी रिश्वतखोरी की जानकारी हमारे मोबाइल नंबर 9826548444 व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं आपके पास लगाए गए आरोपों का सक्षम प्रमाण होना चाहिए हम आपकी खबरें प्रमुखता की साथ प्रकाशित करेंगे।

- Advertisement -

BJPBJP MPBy CM rajendra ShuklaChief Minister Shivraj Singh ChouhanCM Dr mohan yadavCongressHINDI NEWS REWAJansampark Madhya PradeshJansampark rewaMP governmentMP NEWSViratvasundhara
Comments (0)
Add Comment