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Mauganj news:देवरा महादेवन की सीमा सील, प्रभारी मंत्री की तीन घंटे की वार्ता बेनतीजा!

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Mauganj news:देवरा महादेवन की सीमा सील, प्रभारी मंत्री की तीन घंटे की वार्ता बेनतीजा!

 

 

 

 

 

मऊगंज में दूसरे दिन भी रहा बवाल का असर: गांव में बाहर से आने वाले लोगों को प्रवेश नहीं
विहिप ने मंदिर का अतिक्रमण हटाने सौंपा ज्ञापन
सबकी अपनी अपनी कहानी
कांग्रेस ने शांति भंग करने का विधायक पर लगाया आरोप

देवरा महादेवन गांव में पूरी तरह से स्थिति शांतिपूर्ण है। धारा 163 अभी लागू है। गांव में एहतियात के तौर पर पुलिस बल लगाया गया है। शांति बहाली के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

अजय श्रीवास्तव, कलेक्टर मऊगंज

 

 

घटना स्थल पर जाने पर अड़े विधायक
विधायक प्रदीप पटेल ने मंत्री से मुलाकात के दौरान भी यह स्पष्ट किया है कि यहां से छूटने के बाद वह सीधे देवरा महादेवन गांव जाएंगे और मंदिर का अतिक्रमण हटाने की दिशा में प्रयास करेंगे। इसी वजह से मंत्री भी उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पाए। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए संदेश को विधायक से बताया गया और वापस अपने काम पर जाने के लिए कहा लेकिन वह घटना स्थल पर जाने की बात पर अड़े हैं। विधायक को मीडिया से बात करने पर देर रात तक प्रतिबंध पुलिस ने जारी रखा।

गिरफ्तारी पर मंत्री के भी गोलमोल जवाब

दो दिनों में प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि विधायक को गिरफ्तार किया गया है या फिर नजरबंद हैं। पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा के लिहाज से रीवा में रखने की बात कही तो मंत्री लखन पटेल ने भी कहा है कि गिरफ्तारी नहीं की गई है, वह तो एहतियात के तौर पर यहां रखे गए हैं। भूख हड़ताल की बात को भी मंत्री ने नकारा है।

रीवा. मऊगंज जिले में बवाल का असर दूसरे दिन भी रहा। विधायक प्रदीप पटेल अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस कारण पुलिस ने उन्हें नजर बंद कर रखा है। वहीं गिरफ्तार किए गए विधायक प्रदीप से मिलने मऊगंज के प्रभारी मंत्री लखन पटेल बुधवार की शाम रीवा पहुंचे। यहां पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन में बनाए गए अस्थाई जेल में विधायक से मुलाकात की। शाम करीब छह बजे मंत्री पहुंचे और रात के करीब साढ़े नौ बजे के बाद ही बाहर निकले। इस दौरान करीब साढ़े तीन घंटे चली वार्ता के बाद भी मंत्री कोई ठोस नतीजे तक नहीं पहुंचे।

शाहपुर थाना क्षेत्र के देवरा महादेवन गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। सांप्रदायिक तनाव बढऩे की वजह से अतिरिक्त पुलिस गांव में निगरानी के लिए लगाई गई है। साथ ही गांव की सीमा को भी सील कर दिया गया है। अब प्रशासन की अनुमति के बिना गांव में न तो कोई बाहर का व्यक्ति प्रवेश कर पाएगा और न ही गांव के लोग प्रशासन की अनुमति के बिना बाहर जा पाएंगे। मऊगंज एसडीएम ने देवरा महादेवन में पहुंचकर गांव की सीमा में तारबाड़ी लगाकर सीमा को सील करा दिया है। वहां पर पुलिस बल की तैनाती करा दी गई है।

 

 

 

 

 

उपद्रवियों को चिह्नित कर रही पुलिस: गांव के भीतर सनाका खिंचा हुआ है। पुलिस लगातार उपद्रवियों को चिन्हित कर रही है। इस कारण गांव के लोग जो घटना देखने पहुंचे थे उन्हें भी डर है कि कहीं उनके विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज नहीं कर दिया जाए। दोनों समुदायों का नेतृत्व करने वाले लोग गांव से गायब हैं। कुछ को पुलिस उठा ले गई है और कुछ गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए हैं। पुलिस की निगरानी केवल गांव के भीतर ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे गांवों में भी है। हाइवे के किनारे भी पुलिस की एक टीम लगाई गई है। साथ ही आसपास के दूसरे गांवों में भी गश्ती की जा रही है।

गिरफ्तारी पर स्पष्ट नहीं बोल रहे अधिकारी: विधायक की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के अधिकारी कोई स्पष्ट मत नहीं रख रहे हैं। आइजी एमएस सिकरवार ने कहा कि विधायक को सुरक्षार्थ रखा गया है। उनके लोग भी यहां हैं। मऊगंज एसपी रसना ठाकुर ने वीडियो जारी कर कहा कि विधायक की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए वहां से हटाया गया है। दूसरी ओर पुलिस चौकी से गिरफ्तारी की आधिकारिक सूचना विधायक के परिवार को दी गई है। सवाल है कि जब उनको 19 नवंबर को गिरफ्तार किया गया है तो 24 घंटे से अधिक समय तक पूरा होने के बाद भी कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया गया।

 

 

 

 

 

गांव में जारी रहेगी धारा 163: देवरा महादेवन में तनाव के बाद स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है। बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। मऊगंज एसडीएम कमलेश पुरी ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। जब तक स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण नहीं हो जाती तब तक यह प्रतिबंध जारी रहेंगे। इसका सख्ती से पालन कराने के लिए गांव की सीमा पर तार की बाड़ी लगाई गई है।

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विहिप की ओर से राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया है। उसमें कहा गया है कि कोर्ट से मंदिर परिसर का अतिक्रमण हटाने का निर्देश होने के बाद भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की है। मंदिर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर मंदिर के ट्रस्ट को सौंपा जाए। जिले में चल रहे लैंड जिहाद पर सख्ती से रोक लगाई जाए। जिले में हो रहे हिन्दू विरोधी घटनाओं को रोकने, आन्दोलनरत हिन्दुओं के ऊपर दर्ज मुकदमा वापस लेने, देश विरोधी नारा लगाने वालों पर रासुका की कार्रवाई सहित अन्य मांगों को शामिल किया गया है। इस दौरान पुष्पेन्द्र कुमार पांडेय, गिरीश चंद्र, निलरंजन मिश्रा, नीरज यादव, रामकुमार यादव, बुद्धसेन, जय कुमार, संदीप सिंह, सुरेश साकेत, भागवत प्रसाद सहित अन्य मौजूद रहे।

 

 

 

 

यहां पर कोई आज के मकान नहीं बने हैं। 80-85 साल पहले से लोग यहां निवास कर रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक और उनके कुछ लोग लगातार मकान खाली करने का दबाव बना रहे हैं। अचानक से हम कहां जाएं। आर्थिक हालत इतनी ठीक नहीं है कि दूसरी जगह घर बना पाएंगे। प्रशासन हमारी भी सुने।

खैरू निशा, निवासी देवरा महादेवन

पत्थरबाजी पहले उस तरफ से हुई, जिससे हमारे बाबा को चोट लगी है। हमारे भी हाथ और पीठ पर पत्थर की चोट पहुंची है। इसके बाद करीब 25 लोग आए और झोपड़ी में आग लगा दिया। बोर भी तोड़ दिए, अन्य सामग्री भी तोडऩे का प्रयास किया है।

मो. आसिफ, निवासी देवरा महादेवन

हमारा मकान यहां पर 55 वर्ष पहले बनाया गया था। कई पुस्तों का जीवन गुजरा है। शासन ने आवास योजना का लाभ भी दिया है। अब कह रहे हैं कि अतिक्रमण है। हमारी मांग है कि जैसा पहले से चल रहा है, उसी तरह रहने दें। कुछ लोग जानबूझकर झगड़ा बढ़ा रहे हैं।

पार्वती साकेत, निवासी देवरा महादेवन

 

 

 

 

वर्षों से मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण है। प्रशासन से लगातार मांग उठाई जा रही है लेकिन जानबूझकर हीलाहवाली की जा रही है। कलेक्टर ने आश्वासन के बाद भी कार्रवाई नहीं की तो हम लोग धरने पर बैठे थे। विधायक के पहुंचते ही नारे दूसरे पक्ष ने लगाए, जिससे हालात बिगड़ गए। पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है, विधायक ने अन्न त्याग कर दिया है।

संतोष तिवारी, मंदिर परिसर में धरना देने वाले

घटना स्थल पर स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। दोनों पक्षों से उपद्रव मचाने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। कुछ गिरफ्तारी रात में ही हो गई थी। विधायक से भी चर्चा हुई है और उन्हें बताया है कि गांव में स्थिति सामान्य है। गांव में निगरानी के लिए पुलिस बल लगाया गया है।

एमएस शिकरवार, आइजी रीवा

 

 

 

 

 

मऊगंज कांग्रेस ने देवरा महादेवन की घटना पर विधायक प्रदीप पटेल को जिम्मेदार ठहराया है। जिलाध्यक्ष पद्मेश गौतम ने कहा कि मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण कोई आज का नहीं है। वर्षों पहले से विवाद चल रहा है। इसके पहले कांग्रेस एवं दूसरे दलों के भी विधायक रहे, सब ने शांति से काम लेने का प्रयास किया। अतिक्रमण हटाना प्रशासन का काम है, लेकिन यहां भाजपा विधायक खुद बुल्डोजर लेकर पहुंचे और मामले में सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया है। गौतम ने कहा कि विधायक क्षेत्र में कोई काम नहीं करा पा रहे हैं, अपनी विफलता को छिपाने के लिए वह सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रहे हैं। पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना ने कहा कि अतिक्रमण प्रशासन को हटाना चाहिए, इसके पहले मऊगंज बाजार में लोगों के घर तोड़ दिए गए किसी ने कोई विवाद नहीं किया। कई धार्मिक स्थलों का अतिक्रमण भी हटा फिर भी लोग शांत रहे लेकिन यहां जानबूझकर माहौल बिगाड़ा जा रहा है। प्रशासन को अपना काम करने देना चाहिए।

 

घटना स्थल पर जाने पर अड़े विधायक
विधायक प्रदीप पटेल ने मंत्री से मुलाकात के दौरान भी यह स्पष्ट किया है कि यहां से छूटने के बाद वह सीधे देवरा महादेवन गांव जाएंगे और मंदिर का अतिक्रमण हटाने की दिशा में प्रयास करेंगे। इसी वजह से मंत्री भी उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पाए। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए संदेश को विधायक से बताया गया और वापस अपने काम पर जाने के लिए कहा लेकिन वह घटना स्थल पर जाने की बात पर अड़े हैं। विधायक को मीडिया से बात करने पर देर रात तक प्रतिबंध पुलिस ने जारी रखा।

 

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