Rewa MP: मऊगंज भाजपा विधायक का बुलडोजर आतंक बेहद आपत्तिजनक : अजय खरे
उपद्रव करने वालों के लिए खुली जेल बनाकर मंत्री दरबार लगना अपराधियों का महिमामंडन।
रीवा । समता सम्पर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने कहा है कि मऊगंज भाजपा विधायक प्रदीप पटेल के द्वारा कुछ दिन पहले कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए बुलडोजर लेकर जिस तरीके से मऊगंज जिले की हनुमाना तहसील के देवरा ग्राम के महादेवन मंदिर परिसर के आसपास बसे लोगों को आतंकित करने की कोशिश अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। श्री खरे ने कहा है कि किसी को भी कानून अपने हाथ लेने का अधिकार नहीं है। संबंधित मामले में न्यायपालिका का यदि कोई फैसला है तो उसका क्रियान्वयन कार्यपालिका के जरिए होगा ना कि किसी जनप्रतिनिधि के द्वारा मनमानी की जाएगी। श्री खरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बुलडोजर आतंक को लेकर इधर योगी सरकार को अच्छी खासी फटकार लगाई जा चुकी है। यह भारी विडंबना है कि मध्य प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों की जगह अब सरकारी दल के लोग बुलडोजर लेकर गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। कानून व्यवस्था इतनी अधिक लचर है कि उन्हें जेल भेजने के बजाय खुली जेल बनाकर मंत्री दरबार लगाया जा रहा है। मोहन सरकार के द्वारा आतंक फैलाने वाले भाजपा विधायक से मिलने के लिए प्रभारी मंत्री को भेजा जाता है जहां घंटों गुप्त मंत्रणा होती है। आखिरकार यह सब क्या है?
श्री खरे ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने सरकार की बुलडोजर कार्रवाई को अराजकता कहा है। ऐसी स्थिति में विधायक प्रदीप पटेल के द्वारा बुलडोजर का आतंक फैलाना बेहद आपत्तिजनक है। ऐसा लगता है कि प्रदीप पटेल उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए बुलडोजर बाबा बनने का सपना देख रहे हैं। जिसे हर हालत में रोका जाना चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ यदि कड़ी से कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो इसका गलत संदेश जाएगा। शासन प्रशासन की “किंकर्तव्यविमूढ़” स्थिति अराजकता फैलाने वाली है।
श्री खरे ने बुलडोजर कार्रवाई को सामंती सोच का प्रतीक बताया है। उन्होंने बताया कि पुराने जमाने में कुछ राजा महाराजाओं के द्वारा किसी दोषी या अपने विरोधी को हाथी से कुचलवाने जैसा अत्यंत क्रूर बर्बर कृत्य करवाया जाता था। आधुनिक दौर में उसकी जगह बुलडोजर ने ले ली है। श्री खरे ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए कानून व्यवस्था को मजाक बना दिया जाना अपने आप में अराजकता को बढ़ावा देना है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सरकार की बुलडोजर कार्रवाई को अराजकता बताया जा चुका है । ऐसी स्थिति में विधायक प्रदीप पटेल के बुलडोजर आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।