Mauganj news:परेशान होते हैं पक्षकार और अधिवक्ता जिले में ट्रेजरी ऑफिस खोलने की मांग।
मऊगंज. जिला बनने के बावजूद ट्रेजरी कार्यालय का संचालन शुरू न होने से यहां के अधिकारियों और कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी कर्मचारियों के वेतन, एरियर्स, पेंशन, और न्यायालयीन प्रकरणों के लिए जरूरी टिकट और दस्तावेजों के लिए उन्हें मऊगंज से 65 किलोमीटर दूर रीवा जाना पड़ता है, जिससे उनका पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। इसके साथ ही अधिवक्ताओं और पक्षकारों को भी इन प्रक्रियाओं के लिए दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।
मऊगंज में ट्रेजरी कार्यालय की स्थापना की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जबकि यहां के नागरिकों को इससे काफी परेशानी हो रही है।
स्टांप और टिकट को लेकर सबसे अधिक परेशानी: न्यायालय के मामलों और जमीन की खरीद-फरोख्त में वृद्धि के कारण स्टांप और टिकट की मांग भी बढ़ी है, लेकिन इनकी उपलब्धता नहीं होने से लोग महंगे दामों पर इन्हें रीवा से लाने को मजबूर हैं। अब स्थानीय लोग और वकील फिर से मऊगंज में ट्रेजरी कार्यालय स्थापित करने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें और आम नागरिकों को भटकना न पड़े और यह आवश्यक सेवाएं यहां ही मिल सकें। आम जनता से जुड़ी इस मांग को लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों से भी इस दिशा में प्रयास करने की मांग की जा रही है। जिससे लोगों को टिकट और स्टॉम्प के लिए रीवा नहीं भटकना पड़े। रीवा से इन्हें अधिक राशि देकर लाना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से भी इस दिशा में सार्थक पहल करने की मांग की है।
ट्रेजरी वापस लाने कई बार पत्राचार किया गया। न्यायालय एवं जमीन संबंधी प्रकरणों में स्टांप और टिकट अति आवश्यक है। समय पर मिल जाए, इसके लिए ट्रेजरी कार्यालय मऊगंज में आवश्यक है। स्थापना से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा।
हरिहर शुक्ला, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष
मऊगंज में ट्रेजरी कार्यालय नहीं होने से स्टांप और टिकट महंगे दामों पर बिक्री किए जा रहे हैं। इससे अधिवक्ताओं और पक्षकारों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिला प्रशासन को कार्यालय खोलने प्रयास करना चाहिए। जिससे लोगों को महंगी दरों पर टिकट व स्टॅप नहीं लेने पड़ें।
सतीश द्विवेदी, अधिवक्ता मऊगंज
ट्रेजरी न होने से किसानों को महंगे रेट पर स्टांप व टिकट मिल रहा है। जमीन के लेनदेन में किसान भी परेशान हो रहा है। अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को भी इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।
श्यामा चरण शुक्ल, किसान संघ अध्यक्ष