थानेदार पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप, एसपी ने गठित की जांच कमेटी
रीवा. एमपी के रीवा में एक नाबालिग ने उसी थाने के प्रभारी पर रेप का आरोप लगाया है. यह मामला तब सुर्खियों में आया जब महिला ने एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत की. देर रात टीआई ने भी अपना पक्ष रखा है। अब एसपी ने जांच कमेटी गठित की है. इसमें जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि गढ़ थाने में पदस्थ टीआई विकास कपीस का करीब डेढ़ माह पहले शहर के इसी थाने में तबादला हो गया है।
महिला ने एसपी विवेक सिंह को लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि 12 जुलाई 2024 को शाम 6.30 बजे घर के सभी लोगों को बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया गया. घटना के बाद महिला 11 से 12 बजे के बीच बच्चों को कमरे में सुलाकर जेठानी के साथ बैठकर बात कर रही थी। इस दौरान खटखटाने की आवाज सुनकर दरवाजा खोला गया तो टीआई विकास कपीश थाना गढ़, ओम प्रकाश सिंह उम्र 32 वर्ष, बृजवासी कुशवाह उम्र 32 वर्ष, महेंद्र सिंह, गंगा सिंह थाना गढ़, शिव प्रसाद रावत थाना गढ़, धर्मेंद्र द्विवेदी थाना गढ़ और दो अन्य पुलिस कर्मियों के साथ खड़े रहे।
जिसे देखकर महिला ने कहा कि सबको तो पकड़ लिया, अब घर क्यों आये हो. इतना कहने के बाद भी टीआई विकास कपीस और ओम प्रकाश सिंह उस कमरे में घुस गए जहां हमारे बच्चे सो रहे थे. दोनों कमरे में घुस गये और मेरी 15 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म किया. वहीं, बाहर खड़े पुलिसकर्मी बंदूक तानकर खड़े थे। इसके बाद वह धमकी देकर चला गया कि रिपोर्ट दर्ज कराने पर जान से मार दूंगा। बच्चे के साथ हुई घटना के बाद मां व अन्य परिजन घबरा गये. वहीं, मामले में एसपी विवेक सिंह ने जांच कमेटी गठित कर दी है. एसपी का कहना है कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह एक साजिश थी.
इस मामले में पुलिस अधिकारी विकास कपिस का कहना है कि यह 12 जून की घटना है. उस समय मैं थाना गढ़ में तैनात था। 2023 और 24 के ऐसे दो मामले थाने में दर्ज हुए थे. जिसमें अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गढ़ थाने की पुलिस टीम टिकुरी गांव गई थी। जहां अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. जब पुलिस टीम आरोपियों को गिरफ्तार कर रही थी. वहीं, महेश साकेत व अन्य लोग गिरफ्तार आरोपित को छुड़ाने का प्रयास करने लगे. इसकी खबर मिलते ही तीन थाने की पुलिस पहुंच गयी. महेश साकेत अपने अन्य दोस्तों छोटेलाल साकेत, विमलेश साकेत और सूर्यभान जयसवाल के साथ गुंडागर्दी करते पाया गया. तीन थाने की टीम एक साथ पहुंचने के बाद भी पुलिस से नोकझोंक हुई. यहां तक कि पुलिस की वर्दी भी फाड़ दी गई. हमने सभी आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के खिलाफ धारा 307, आर्म्स एक्ट, पुलिस पर हमला, सरकारी काम में बाधा डालने के तहत मामला दर्ज किया गया है. सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया.
आरोपियों के खिलाफ पहले ही दर्ज हो चुका है मामला-
छोटेलाल साकेत पर पहले 5 केस, सूर्यभान जयसवाल पर 4 केस और महेश साकेत पर 8 केस दर्ज हैं. इतने आपराधिक रिकॉर्ड होने के बाद भी उसके द्वारा इस तरह का काम किया गया. हाईकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए जमानत नहीं दी. ये आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं. ऐसी शिकायतें खुद को बचाने, केस को प्रभावित करने और गुमराह करने के लिए की जाती हैं।