Rewa news:पीएम आवास योजना में मानकों की अनदेखी मांगा ब्योरा 9 बिंदुओं पर मांगी जानकारी।
नगर निगम को नहीं मिला हितग्राही अंशदान; बढ़ा आर्थिक नुकसान 5 साल पहले सुर्खियों में आई थी आइएचएसडीपी योजना
रीवा. शहर में आवास योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ती जा रही हैं। पहले आइएचएसडीपी योजना के तहत मकान बनाए गए और उनका आवंटन नगर निगम नहीं कर पाया। इसकी वजह से स्थानीय लोगों ने मकानों का ताला तोड़कर उस पर कब्जा कर लिया। इसको लेकर लगातार कई वर्षों से हितग्राही अंशदान जमा कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में भी बड़े पैमाने पर लापरवाही सामने आई है। बीएलसी घटक में लोगों ने शासन से किस्त ले ली है, लेकिन मकानों का निर्माण नहीं कराया है। पूर्व में ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई का प्रयास शुरू किया गया था, लेकिन उसे भी अब रोक दिया गया है। साथ ही एएचपी घटक में भी आवंटन में नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने मिलकर घपलेबाजी की है।
केन्द्र सरकार के सहयोग से इंटीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आइएचएसडीपी) योजना के तहत शहर के रतहरा में 156 और नजदीक ही अकोला बस्ती में 92 मकान बनाए गए थे। योजना के तहत कुल 248 मकान हैं। अकोला बस्ती में नेहरू नगर चूनाभट्टा के विस्थापितों को मकान में कब्जा दिया गया है। जबकि रतहरा में रानीतालाब एवं अन्य स्थानों के विस्थापितों को लाया गया है। इन मकानों का आवंटन नगर निगम नहीं कर पाया है। इसकी वजह से बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। वर्ष 2019 में यह योजना उस समय चर्चा में आई जब तत्कालीन निगम आयुक्त सभाजीत यादव ने रीवा के विधायक रहे राजेंद्र शुक्ला को 5.94 करोड़ रुपए जमा करने का नोटिस जारी कर दिया था। कहा गया था कि चुनाव जीतने के लिए शुक्ला ने मुफ्त में मकान देने का आश्वासन दिया था, जिसके चलते लोगों ने उस में कब्जा जमा लिया है। इन मकानों की लागत 8.75 करोड़ रुपए है। केन्द्रांश और राज्यांश हुडको ऋण के साथ 6.53 करोड़ रुपए और नगर निगम की ओर से 1.78 करोड़ रुपए इन मकानों के निर्माण में खर्च हुआ था। इसमें 3.72 करोड़ रुपए उन हितग्राहियों से लेना था जिन्हें मकान दिया जाना है। प्रति हितग्राही अंशदान की राशि 1.50 लाख है। वर्ष 2015 में जिला प्रशासन ने 1.642 हे. रकबा ननि को बिना प्राब्याजी के एक रुपए के वार्षिक भू-भाटक पर हस्तांतरित किया था।
महापौर ने समीक्षा के दौरान अधिकारी की मनमानी पर नाराजगी जाहिर की थी। अब निगम आयुक्त को पत्र लिखकर नौ बिन्दुओं पर जानकारी प्रस्तुत करने को कहा है। आइएचएसडीपी योजना के तहत मकानों के निर्माण, हितग्राहियों के अंशदान का पूरा ब्यौरा, निगम को हुई आर्थिक क्षति और उसकी भरपाई के प्रयासों की जानकारी देने को कहा है। पीएम आवास के बीएलसी घटक में मकान नहीं बनाने वालों के विरुद्ध की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है। ईडब्ल्यूएस मकानों का आवंटन जिन स्लम बस्ती के निवासियों को देना था तो क्या उक्त बस्तियां मुक्त हुई हैं या फिर नहीं, इसकी भी जानकारी मांगी है।
लगातार शिकायतें और समीक्षा में प्रथम दृष्ट्या यह बात सामने आई कि कुछ अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही से आवासीय योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इससे निगम को आर्थिक नुकसान हुआ है। पूरे मामले में आयुक्त से बिन्दुवार रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद अगली कार्रवाई तय होगी।
अजय मिश्रा, महापौर रीवा