Rewa MP: किसानों के संघर्ष के आगे झुका प्रशासन, लिखित आश्वासन के बाद खत्म हुआ चक्का जाम, हजारों की संख्या में जुटे थे किसान।
किसानों के संघर्ष के आगे झुका प्रशासन, लिखित आश्वासन के बाद खत्म हुआ चक्का जाम, हजारों की संख्या में जुटे थे किसान।
गंगेव जनपद अध्यक्ष द्वारा शासन प्रशासन से कराई गई मध्यस्थता के बाद किसानों का आंदोलन हुआ समाप्त।
विराट वसुंधरा
रीवा। बीते दिनों से मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों को लेकर चल रहे विवाद में गुरुवार को नया मोड़ ले लिया है जब देवास चौराहे पर किसानों और जनप्रतिनिधियों ने धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर चक्का जाम कर दिया। यह आंदोलन जनपद सदस्य अखिलेश पटेल के नेतृत्व में हुआ, जिसमें क्षेत्र के सरपंचों, किसानों और जनप्रतिनिधियों ने भारी संख्या में हिस्सा लिया था बता दें कि देवास और उसके आसपास के गांवों में किसान लंबे समय से अपनी फसल बेचने के लिए खरीदी केंद्र की मांग कर रहे थे। केंद्र के अभाव में किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ता था, जिससे न केवल समय की बर्बादी हो रही थी, बल्कि उन्हें अतिरिक्त परिवहन लागत का बोझ भी उठाना पड़ रहा था। प्रशासन से कई बार अपील करने के बावजूद, समस्या का समाधान नहीं हुआ। निराश किसानों ने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर चक्का जाम करने का निर्णय लिया, हालांकि किसानों के आंदोलन में गंगेव जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मध्यस्थता कराकर मामला शांत कराया इस आंदोलन से देखने को मिला कि किसानों ने एक बार फिर अपने अधिकारों की लड़ाई को मजबूती से शासन प्रशासन के सामने रखा यह आंदोलन प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि किसानों की मांगों को नजरअंदाज करना अब संभव नहीं।
किसानों ने किया चक्काजाम।
बीते गुरुवार की सुबह से ही देवास चौराहे पर बड़ी संख्या में किसान और जनप्रतिनिधि जुट गए थे जनपद सदस्य अखिलेश पटेल, सरपंच देवास और खरहरी, सहित आए अन्य किसान नेताओं ने धरने का नेतृत्व किया। किसानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश प्रवक्ता विश्वनाथ पटेल चोटीवाला ने भी धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था और फिर चक्काजाम किया गया लेकिन जाम की वजह से यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया।
मौके पर पहुंचे जनपद अध्यक्ष और अधिकारी।
किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी सिरमौर तहसीलदार अरुण यादव और जनपद अध्यक्ष गंगेव विकास तिवारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों से बातचीत की समझाइश दी और उनकी मांगों को लेकर गंभीरता दिखाई उनके प्रयासों से अंततः प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को लिखित रूप में यह आश्वासन दिया कि अगले दो दिनों के भीतर देवास में धान खरीदी केंद्र B.O.T केंद्र कपूरी स्थापना की जाएगी, लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुआ, और देवास चौराहे पर यातायात फिर से बहाल हुआ। आंदोलन समाप्ति के समय किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि समयसीमा के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे दोबारा बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
किसानों ने दिखाई एकजुटता।
आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि उनकी फसलें उनकी आजीविका का आधार हैं, और प्रशासन को उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन उनके संघर्ष का पहला कदम था, और भविष्य में भी वे अपनी मांगों के लिए एकजुट रहेंगे, इस आंदोलन ने न केवल प्रशासन को झकझोर दिया, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी। जनप्रतिनिधियों ने किसानों के साथ खड़े होकर यह साबित कर दिया कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। यह आंदोलन किसानों और जनप्रतिनिधियों की एकजुटता और संघर्षशीलता का प्रतीक बन गया है।