Rewa MP: धान खरीदी केंद्रों का कलेक्टर ने किया औचक निरीक्षण
धान के उठाव में आ रही बाधा बनी समस्या।
रीवा जिले में इस समय धान खरीदी 2024 -25 दिनांक 2 दिसंबर 2024 से प्रारंभ है और 20 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी निर्धारित समय अवधि में कृषक अपनी उत्पादन धान की बिक्री कर सकते हैं इसके लिए जिला कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल द्वारा खरीदी प्रारंभ से ही उठाव और बारदाना की कमी ना हो सख्त निर्देश दिए गए थे किंतु खरीदी केंद्रों में इस समय उठाव की समस्या देखने को मिल रही है रीवा जिले में धान खरीदी दो स्तर से की जा रही है पहला गोदाम और दूसरा ओपन खरीदी दोनों प्रकार से की जा रही खरीदी के साथ ही धान का उठाव नहीं हो पाना समस्या के रूप में देखा जा रहा है मिलर और ट्रांसपोर्टरों द्वारा उठाव नहीं किए जाने से खरीदी प्रभावित हो रही है और किसानों के अरमानों पर पानी फिर रहा है किसानों का कहना है कि 3 दिसंबर 2024 से धान खरीदी प्रारंभ हुई एक हफ्ते के अंदर बिक्री दिनांक से राशि कृषक के खाते में आ जाना चाहिए किंतु दो दो हफ्ते बीत गए और आज तक किसी के खाते में राशि नहीं आई क्योंकि जब तक धान का उठाव भंडारण नहीं होगा तब तक किसी के खाते में पैसा नहीं भेजा जाता कारण यह बताया जा रहा है कि यदि धान गुणवत्ता विहीन होने पर निरस्त हो गई तो पैसा शासन नहीं देती खरीदी केंद्र प्रभारियों को भुगतान करना पड़ता है।
कलेक्टर रीवा ने किया धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण।
आज रीवा जिले के ग्राम महसुआ और रायपुर कर्चुलियान तहसील के खरीदी केन्द्र का कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद किसानों से संवाद भी किया तथा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली किसानों ने बताया कि खरीदी केंद्र में की गई व्यवस्थाओं से हम संतुष्ट हैं कलेक्टर रीवा द्वारा लगातार खरीदी केंद्रों पर निगरानी कराई जा रही है और किसानों को किसी तरह से असुविधा न हो इसके लिए भी ध्यान रखा जा रहा है
किसानों को भुगतान में हो रही देरी।
खरीदी केन्द्रों में समय पर धान का उठाव नहीं होने से उन्हें भुगतान देर से प्राप्त होगी ऐसे में किसानों द्वारा बैंकों से ली गई ऋण जिसमें खेती-बाड़ी से लेकर बच्चों की पढ़ाई लिखाई शादी विवाह और अन्य खर्चो की व्यवस्था बैंक से लोन लेकर किसान काम करता है और इसी खेती से होने वाली आमदनी से बैंक का ऋण चुकाते हैं किसानों द्वारा अगर समिति को छोड़ दिया जाए तो अन्य बैंकों में लिए गए ऋण का ब्याज भी देना पड़ता है किसानों को उम्मीदें थी कि धान बिक्री के तुरंत बाद उनकी राशि का भुगतान हो जाएगा किसानों की आवश्यकता को गंभीरता से लेते हुए ही जिला कलेक्टर द्वारा खरीदी होने से पूर्व ही सभी तरह से तैयारी को लेकर निर्देश दिए थे लेकिन जमीनी स्तर पर हो रही लेट लाती थी के कारण किसानों को भुगतान में देरी हो रही है
अधिकारियों ने किया निरीक्षण।
रीवा जिले के गढ़ क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत लौरी गढ़ स्थित सेवा सहकारी समिति मर्यादित लौरी गढ़ के धान खरीदी केंद्र का नायब तहसीलदार मनगवां वृत्त गढ़ मनोज सिंह द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों राजस्व निरीक्षक राजेंद्र त्रिपाठी, समिति प्रबंधक अखंड मिश्रा, कंप्यूटर ऑपरेटर और अन्य कर्मचारीयों की मौजूदगी में निरीक्षण किया है निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य खरीदी केंद्र पर चल रही गतिविधियों का जायजा लेना और किसानों की समस्याओं को सुनना था इस दौरान तहसीलदार ने केंद्र पर उपस्थित किसानों से सीधा संवाद भी किया। किसानों ने खरीदी प्रक्रिया के प्रति संतोष व्यक्त किया और किसी प्रकार की शिकायत नहीं की किसानों ने बताया कि वर्तमान में खरीदी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है यह दर्शाता है कि समिति प्रबंधन और कर्मचारियों का कार्य संतोषजनक है।
धान उठाव में देरी बनी बड़ी समस्या।
निरीक्षण के दौरान तहसीलदार ने देखा कि केंद्र पर बड़ी मात्रा में धान भंडारित है। इस पर उन्होंने समिति प्रबंधक अखंड मिश्रा से धान उठाव में देरी का कारण पूछा तब समिति प्रबंधक ने बताया कि उनके द्वारा बार-बार संबंधित अधिकारियों को सूचना दी जा रही हैं, लेकिन वाहनों की अनुपलब्धता के कारण धान उठाव का कार्य नहीं हो रहा है समिति प्रबंधक ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि यदि धान का समय पर उठाव नहीं हुआ तो स्थान की कमी के कारण नई फसल की खरीदी बाधित हो जाएगी और भंडारित धान को सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाएगा, जिससे खराब होने का खतरा बढ़ सकता है।