रीवा:वर्ष 2024 के विदा होने के पहले अपराध के लंबित प्रकरणों को लेकर आईजी ने बैठक ली. जहा रिकार्ड सुधारने के साथ लंबित प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिये. वही नए साल के पहले लंबित प्रकरणों को निपटाने के आदेश दिये.आईजी रीवा जोन डा0 महेन्द्र सिंह सिकरवार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जिले के सभी पुलिस अधीक्षक एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षको की बैठक ली. आईजी ने कहा कि बढ़़ते साइबर फ्राड़ को लेकर लोगो को जागरूक करे और जो भी मामले सामने आ रहे है उस पर साइबर सेल की मदद से तत्काल कार्यवाही करें ताकि आरोपियों तक पहुंचा जा सके.
साथ ही लोगो को साइबर फ्राड के बारे में जानकारी दें कि किस तरह से बदमाश अलग-अलग प्रलोभन देकर फ्राड करते है इससे बचे. उन्होने निर्देश दिये कि जो भी मामले लंबित है उनका जल्द से जल्द निराकरण कर न्यायालय में चालान पेश करें ताकि आरोपियों को सजा दिलाई जा सके. किसी तरह की लापरवाही न बरते. ऐसे में अब पुलिस विभाग के टीआई से लेकर, सीएसपी, डीएसपी और एडिशनल एसपी पर काम का दबाव बढऩे वाला है. सवाल यह भी है कि जो काम साल भर में नहीं हो पाया. वह कुछ दिनों में कैसे हो पाएगा? रीवा संभाग के आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुलिस अधिकारियों से कहा, नए साल की शुरुआत के पहले पेंडिंग प्रकरणों को जल्द निपटाया जाए.
अपराध के मामलों में चालान जल्द न्यायालय में पेश किए जाए. डीआईजी साकेत पांडेय भी बैठक में शामिल रहे. उन्होने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि जिले में जितने भी मामले पंजीबद्ध हैं, उनकी पेंडेंसी 8 प्रतिशत से अधिक ना हो. डीआईजी श्री पाण्डेय ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी शिकायते जोन में मिल रही है, ऐसा कुछ नही होता लोगो को बताए. अपराधी साइबर अपराध अलग-अलग तरीके से कर रहे है. इससे सतर्क रहने की जरूरत है. जब भी कोई शिकायत साइबर फ्राड को लेकर पहुंचे तो उस पर तत्परता से कार्यवाही करे. ताकि समय पर अपराधियों तक पहुंचा जा सके. बैठक के दौरान अधिकारियों ने अपनी समस्याएं भी बताई और आईजी एवं डीआईजी कार्यालय में लोग शिकायत लेकर पहुंचे. जहा जन सुनवाई करते हुए समस्याएं सुनी गई