सेमरिया से केपी त्रिपाठी, मनगवां, गुढ़, में दो दो उम्मीदवारों पर मंथन और त्योंथर से चौंकाने वाला नाम।
विराट वसुंधरा
रीवा। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी तेज हो रही हैं भाजपा और कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों को लेकर लगातार चर्चाओं का बाजार गर्म है कांग्रेस पार्टी द्वारा 15 अक्टूबर को पहली सूची जारी होगी तो वहीं भाजपा की दो दिन बाद पांचवी सूची जारी होने की संभावना जताई जा रही है रीवा जिले की सेमरिया, गुढ़, मनगवां और त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं इन सीटों पर एक से अधिक टिकट के दावेदार थे जबकि भाजपा ने सिंगल बड़े चेहरों रीवा से मंत्री राजेंद्र शुक्ला और सिरमौर से विधायक दिव्यराज सिंह को फिर से मैदान में उतारा है तो वहीं नवगठित मऊगंज जिले की देवतालाब विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष रहे गिरीश गौतम और मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रदीप पटेल को भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चौथी सूची में प्रत्याशी घोषित कर दिया था रीवा जिले की शेष चार सीटें ऐसी है जहां एक से अधिक टिकट दावेदार थे वहां मंथन जारी है भाजपा सूत्रों की माने तो लगभग रीवा जिले की चारों विधानसभा सीट गुढ सेमरिया मनगवां और त्योंथर विधानसभा में 2 दिन बाद प्रत्याशियों की सूची जारी हो सकती है इसके लिए शीर्ष नेतृत्व और संगठन के लोगों में जीतने वाले प्रत्याशियों पर मंथन किया जा चुका है।
सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से केपी त्रिपाठी का नाम तय।
रीवा जिले की सबसे हॉट सीट सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा विधायक केपी त्रिपाठी से सशक्त टिकट के अन्य दावेदार नहीं नजर आ रहे हैं वैसे तो टिकट की लाइन में पूर्व विधायक अभय मिश्रा उनकी पत्नी पूर्व विधायक नीलम मिश्रा भाजपा के जिला उपाध्यक्ष संजय द्विवेदी और रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा को बताया जा रहा था लेकिन रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने चुनाव लड़ने से मना किया था इसलिए उनकी दावेदारी सिर्फ मीडिया की कोरी कल्पना है तो वहीं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष संजय द्विवेदी केपी त्रिपाठी के मुकाबले बड़ा चेहरा नहीं है और अभी हाल ही में 2 माह पूर्व कांग्रेस से भाजपा में आए अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा की कथित तौर पर टिकट की दावेदारी तो थी लेकिन भाजपा के अंदर खाने में उनकी दावेदारी उतनी प्रभावशाली नहीं थी इसके पीछे के जो कारण भाजपा सूत्रों द्वारा यह बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 में भाजपा के खिलाफ बगावत करने के बाद से भाजपा शीर्ष नेतृत्व अभय मिश्रा से भली भांति परिचित है और भविष्य के खतरे से भी सावधान है तो वहीं वर्तमान विधायक के पी त्रिपाठी के खिलाफ जिस तरह से व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने जो विरोध करने का तरीका अपनाया है वह भी किसी से छिपा नहीं है इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं से अभी भी उनके अच्छे संबंध है और कांग्रेस पार्टी से भी टिकट के दावेदार हैं यह बात भी किसी से छिपी नहीं है ऐसे में अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा को भाजपा टिकट देने से रही तो वही वर्तमान विधायक केपी त्रिपाठी की स्थिति सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता के बीच सबसे मजबूत है और भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की पहली पसंद भी हैं ऐसे में उनकी टिकट पक्की बताई जा रही है और 2 दिन के अंदर जारी होने वाली भाजपा की पांचवी सूची में सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से केपी त्रिपाठी प्रत्याशी घोषित होंगे।
गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रणब और माया के बीच फंसा टिकट का पेंच।
गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में विधायक नागेंन्द्र सिंह की स्वयं की दावेदारी है तो वहीं उनके भतीजे प्रणव प्रताप सिंह जिला पंचायत उपाध्यक्ष रीवा की भी दावेदारी मजबूत है तीसरे दावेदार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष माया सिंह है इन्हीं दो के बीच प्रत्याशी तय होना है। वैसे तो गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन टिकट के दावेदार हैं जिनमें वर्तमान विधायक नागेंन्द्र सिंह उम्र दराज हो चुके हैं इसलिए टिकट की रेस से बाहर माने जा रहे हैं अन्य दावेदारों में भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ अजय सिंह नारायण मिश्रा श्रीमती विमलेश मिश्रा लाल बहादुर सिंह मुनिराज पटेल जैसे कई दावेदार हैं लेकिन अब प्रणव प्रताप सिंह और माया सिंह के बीच टिकट का पेंच फंसा हुआ है।
मनगवां विधानसभा क्षेत्र में एक घर से तीन दावेदार।
मनगवां विधानसभा क्षेत्र ऐसा है जहां विधायक पंचू लाल प्रजापति उनकी पत्नी पूर्व विधायक पन्नाबाई प्रजापति और उसके पुत्र मुकेश प्रजापति टिकट के दावेदारों में है तो वही एक अन्य नाम भी टिकट की लाइन में है इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति देखा जाए तो मनगवां विधानसभा क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में पंचू लाल प्रजापति ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी इसलिए यह माना जा रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में पंचू लाल प्रजापति या फिर उनकी पत्नी पूर्व विधायक पन्ना बाई प्रजापति उम्मीदवार हो सकते हैं यहां टिकट के लिए विवाद की स्थिति कम नजर आती है।
त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में आ सकता है चौंकाने वाला नाम।
रीवा जिले की त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक श्यामलाल द्विवेदी भाजपा के साधारण कार्यकर्ता से विधायक बनने तक का सफर तय किये है अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में त्योंथर विधायक पर कई तरह के आरोप लगे हैं यहां तक की स्वेक्षा अनुदान राशि का दुरुपयोग करने और अपने परिवार के सैकड़ो लोगों को लाभ पहुंचाने तथा बड़े व्यवसाईयों को राशि बंदरबांट करने का भी आरोप लगा है इसके साथ ही विधायक रहते उनके व्यवहार पर भी बीच-बीच सवाल उठाते रहे हैं तो वहीं विधायक का भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ भी तालमेल अच्छा नहीं होने से विरोध का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में उनकी टिकट इस बार खटाई में पड़ गई है भाजपा सूत्रों की माने तो इस बार टिकट के दावेदारों में डॉ अनिल तिवारी सबसे आगे हैं जो पूर्व में नगर पंचायत त्योंथर के अध्यक्ष रहे हैं भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं जनता और संघ की पहली पसंद डॉ अनिल तिवारी को बताया जा रहा है जिसे देखते हुए डॉ अनिल तिवारी भाजपा प्रत्याशी के रूप में चौंकाने वाला नाम हो सकते हैं तो वहीं एक अन्य नाम कौंशलेश तिवारी का भी सामने आ रहा है जो पूर्व मंत्री स्व रमाकांत तिवारी के पुत्र हैं उनको लेकर यह कहा जा रहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिली थी जबकि सबसे प्रवल दावेदार थे लेकिन अब उस तरह की चर्चा नहीं है जैसे पहले हुआ करती थी।