रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सभी ध्वनि विस्तार यंत्रों का रीवा में उपयोग रहेगा प्रतिबंधित।
लाउडस्पीकर, डीजे तथा अन्य ध्वनि विस्तार यंत्रों के उपयोग की लेनी होगी अनुमति।
विराट वसुंधरा
रीवा. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत रीवा जिले में सभी उत्सव तथा आयोजनों में लाउडस्पीकर, डीजे, बैण्ड, प्रेशर हॉर्न तथा अन्य ध्वनि विस्तार यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध के आदेश दिए हैं। विहित प्राधिकारी एसडीएम की अनुमति के बाद ही इनका उपयोग किया जा सकेगा। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सभी प्रकार के ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध 18 फरवरी 2024 तक लागू रहेगा। इस अवधि मे प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की आवश्यकता को देखते हुए आदेश की व्यक्तिश: सूचना दिया जाना संभव नहीं है इसलिए यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत एक पक्षीय रूप से पारित किया जाता है। संचार माध्यमों से आमजनता को प्रतिबंधों की सूचना दी जा रही है।
जारी आदेश के अनुसार 14 फरवरी 2000 को केन्द्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत दी गई शक्तियों का प्रयाग करते हुए सार्वजनिक स्थलों में विभिन्न स्रोतों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 को अधिनियमित किया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा भी ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में 18 जुलाई 2005 तथा 6 जनवरी 2015 को ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। शहर में ध्वनि विस्तार यंत्रों लाउडस्पीकर, डीजे, बैण्ड, प्रेशर हॉर्न, पटाखे आदि के कारण ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। अधिक शोर से मनुष्य के काम करने की क्षमता, आराम, नींद और संवाद में व्यवधान पड़ता है। शोर का स्तर 70 डेसीबल से अधिक होने के कारण उच्च रक्तचाप, बेचैनी, मानसिक तनाव तथा अनिद्रा जैसे दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ते हैं।
राष्ट्रीय हरित अभिकरण एनजीटी द्वारा जारी आदेश के परिपालन में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली द्वारा 21 जून 2019 को मध्यप्रदेश के बड़े शहरों के संबंध में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक्शन प्लान बनाने एवं लागू करने के निर्देश दिए गए थे। ध्वनि प्रदूषण विनिमय एवं नियंत्रण नियम के प्रावधानों के तहत निर्धारित ध्वनि सीमा से अधिक का सोर मान्य नहीं होगा। इसका पालन सुनिश्चित कराने के लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिला दण्डाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक, आयुक्त नगर निगम, सभी एसडीएम, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तथा क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।