भ्रष्टाचारी दो सहायक सचिवों को जिला पंचायत रीवा सीईओ ने किया सेवा से पृथक।
पीएम आवास में घोटाले पर सूरा और पचोखर रोजगार सहायक की सेवा समाप्त।
रीवा जिले की चर्चित ग्राम पंचायत सूरा जनपद पंचायत गंगेव में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था क्षेत्रीय लोगों द्वारा ग्राम पंचायत में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायतें कई बार अधिकारियों के पास की गई थी जांच पड़ताल भी हुई लेकिन कार्यवाही नहीं हुई आरोप था कि पीएम आवास में अपात्रों को लाभ पहुंचाया गया था जांच के बाद दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो रही थी लेकिन अंततः सीईओ जिला पंचायत रीवा संजय सौरभ सोनवणे ने दोनों दोषी कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया।प्रधानमंत्री आवास में फर्जीवाडे को लेकर बड़ी कार्यवाही किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल रीवा जिले के गंगेव जनपद की सूरा एवं पचोखर ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास की किस्त जारी करने पर कार्यवाही की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि मामले को लेकर शिकायत की गई थी जिस पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े के द्वारा जांच करवाई गई थी।
मामले की जांच आवास प्रभारी जिला पंचायत रीवा विनोद पांडेय, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर गंगेव अजय शुक्ला और सीईओ जनपद पंचायत त्यौंथर राहुल पांडेय के द्वारा की गई थी। जांच में व्यापक स्तर की अनियमितता, अपात्र लोगों को पात्र बताया जाकर प्रधानमंत्री आवास की किस्त जारी करना, किसी अन्य व्यक्ति के पहले से निर्मित पक्के मकान का जिओ टैग कर अन्य व्यक्ति के नाम पर मकान बना हुआ बताया जाना, अन्य हितग्राहियों की फोटोग्राफ्स आवास ऐप में अपलोड किया जाना जैसे कई मामले जांच के दौरान प्रमाणित हुए थे। जांच रिपोर्ट की फाइल पहले जिला पंचायत और कलेक्टर कार्यालय के बीच में घूमती रही जहां कार्यवाही करने में लेटलतीफी और हीलाहवाली चलती रही लेकिन वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा संजय सौरभ सोनवणे ने दोनों ही रोजगार सहायकों की सेवाएं समाप्त करते हुए बड़ी कार्यवाही की है।
गौरतलब है की दोनों ही पंचायत में रोजगार सहायक ही सचिव के भी प्रभार में अंगद के पांव की तरह जमे हुए थे। सूरा ग्राम पंचायत से रोजगार सहायक पुष्पेंद्र तिवारी एवं पचोखर ग्राम पंचायत से आशुतोष तिवारी की सेवाएं समाप्त की गई है।