Rewa news, वेयरहाउसिंग जिला प्रबंधक और डाटा आपरेटर पर समिति ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोप, बड़ा सवाल क्या निष्पक्ष होगी जांच।
खरीदी केन्द्रों में अगर ऐसे रहे हालात तो किसानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी नहीं रोक सकती सरकार।
रीवा। वेयरहाउसिंग जिला प्रबंधक केबी बागरी, डाटा ऑपरेटर नान संजय यादव के भ्रस्टाचार एवम फर्जी कार्यवाही कर जबरन वसूली का मामला सामने आया है वसूली ना कर पाने को स्थिति के फर्जी रिपोर्ट देकर केंद्र को बंद करवा दिया गया। किसानों द्वारा बताया गया है कि विगत दिनों सेमरिया के बीरखाम गांव में केबी बागरी, जिला प्रबंधक MPWLC, संजय यादव डाटा ऑपरेटर नान, द्वारा किसान के यहां पूर्व से साजिश रचकर खुद के चहेते अंकुर पाठक के साथ सांठगांठ करके खुद बोरे रखवाकर छापा डाला गया जबकि जिस किसान के यहां खाली बोरे मिले उस किसान ने हलफनामा देकर और वीडियो के माध्यम से भी बताया है की बोरे रेवांचल वेयरहाउस में संचालित खरीदी केंद्र से नहीं बल्कि ओम कामता वेयरहाउस में संचालित खरीदी केंद्र सेवा सहकारी समिति बीड़ा क्रमांक 2 बीरखाम जहां की टैग भी मिले से अंकुर पाठक जो अंकुर स्व सहायता समूह का मालिक है एवम वर्तमान में अधिकारियों से सेटिंग करके सरकारी समिति चला रहा है के द्वारा दिए गए हैं।
वेयरहाउसिंग जिला प्रबंधक और डाटा आपरेटर की भूमिका पर सवाल।
किसानों ने आरोप लगाया कि पूर्व से सुनियोजित षड्यंत्र के तहत केबी बागरी, संजय यादव द्वारा रेवांचल वेयरहाउस खरीदी केंद्र गए जहां से पैसे न मिलने के कारण दुर्भावना पूर्ण तरीके से कार्यवाही की गई है जहां इनके द्वारा बोरों की बिना गिनती के ही फर्जी पंचनामा बनाकर फर्जी जांच प्रतिवेदन बनाया गया जबकि रेवांचल वेयरहाउस खरीदी केंद्र सेवा सहकारी समिति बड़ागांव केंद्र क्रमांक 2 बरौ में किसानों कर्मचारियों द्वारा बनाए गए वीडियो में देखा जा सकता है की खरीदी केंद्र के कर्मचारियों और किसानों ने गोहार मार मार कर कहा की साहब बोरों की गिनती करिए मगर एक नहीं सुने और मौके से फर्जी पंचनामा बनाकर भाग निकले यह दोनों अधिकारी घूंस ना मिलने से नाराज होकर केबी बागरी, और संजय यादव ने फर्जी पंचनामा बनाकर अधिकारियों को प्रतिवेदन दे दिया की केंद्र में बोरे कम है जबकि वीडियो में देखा जा सकता है की इनके द्वारा गिनती ही नहीं की गई तो बोरे कम कैसे लिख दिए जिसके आधार पर बिना जांच के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए खरीदी केंद्र को बंद कर दिया गया है।
घोटाले बाजों ने कराई गलत कार्यवाही।
किसानों ने कहा कि घोटाले बाजों ने समिति के विरुद्ध गलत और दुर्भावना पूर्ण तरीके से फर्जी जांच करके वसूली की कोशिश की गई और चाही गई डिमांड जब पूरी नहीं हुई तो षडयंत्र पूर्वक कार्यवाही की गई है संजय यादव नान जो सरकारी वारदानों को जारी करता है जमा करता जिसके द्वारा शासन के करोड़ों के बोरों का घोटाला किया गया है वहीं केबी बागरी जो विगत कई वर्षों से जिला प्रबंधक वेरहाउसिग के पद पर बैठा है और वेयरहाउसों में शासन से मिलने वाली छूट सुखांत का बड़ा खेल खेलकर शासन को चूना पहुंचाता है अब देखना होगा कि इन पर कलेक्टर रीवा द्वारा या प्रशासन क्या कार्यवाही करता है समिति द्वारा रीवा कलेक्टर को भी 15 पेज का आवेदन देकर जांच की मांग की गई परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई अब समिति हाईकोर्ट का रुख करने पर विचार कर रही है।