Rewa news, चौपाल लगाकर खुलेआम सरपंच और पटवारी तय कर रहे हैं रिश्वत की रकम वीडियो हुआ वायरल।
रीवा जिले के मंनगवा तहसील अंतर्गत भ्रष्टाचार इस तरह से हावी है कि अब जनता का चौपाल लगाकर खुलेआम रिश्वत की बोली लगाई जाने लगी है वाइरल वीडियो ग्राम धवैयां 291का बताया गया है जहां पंचायत के सरपंच धीरेंद्र सिंह उर्फ कल्लू पंचायत भवन में बैठकर रिश्वत भ्रष्टाचारियों में आपसी बंटवारे को लेकर एक निश्चित रकम तय कर रहे हैं की हल्का पटवारी रामदीन साहब को आप लोग 5 हजार दूसरे को बताया जा रहा है कि 3 हजार और लोगों को 16-16 सो रुपए देने के लिए सरपंच के द्वारा निर्देश दिया जा रहा है और कहां जा रहा है ताकि पटवारी साहब आपका बंटवारे का कार्य शुरू कर सके आपको बता दें सुशीला सोनी के द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय में उनके खिलाफ लिखित आवेदन भी दिया गया है।
देखा जाए तो एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के द्वारा गरीबों के हकों को ना मारे जाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है साथ ही हर संस्थान हर जगह पर कानून व्यवस्था को सही बनाने के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरपंच धीरेंद्र सिंह उर्फ कल्लू और हल्का पटवारी रघुराजगढ़ रामदीन जैसे लोगों द्वारा ग्राम पंचायत में चौपाल लगाकर गरीबों से बंटवारे के नाम पर पैसे मांगे जा रहे हैं आपको बताते हैं राजस्व विभाग में अभी जो भी प्रक्रिया है सब ऑनलाइन कर दी गई है एक आवेदन देने के बाद तहसील में आपसी बंटवारे का दायित्व हल्का पटवारी का होता है और उसके द्वारा सारी प्रक्रिया संपूर्ण की जाती है इस कार्रवाई के लिए पटवारी को कोई शुल्क नहीं दिया जाता है जो राजस्व का शुल्क थोड़ा बहुत होता है वह दिया जाता है लेकिन जिस तरह से ग्राम पंचायत धवैया के सरपंच और हल्का पटवारी रघुराजगढ़ के द्वारा खुलेआम लोगों से पैसे इकट्ठा किया जा रहा है इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के अंदर
रिश्वतखोरी किस तरह से चल रही है और सरकार के निर्देशों का किसी तरह से कोई पालन नहीं किया जा रहा है जिसके कारण आम जन को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों की माने तो यह पहला वाक्या नहीं है सरपंच और पटवारी लगातार गरीबों के काम करने के नाम पर पैसा खाने का काम कर रहे हैं पटवारी और सरपंच का वह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिला प्रशासन को इस वायरल वीडियो को संज्ञान लेकर कार्रवाई करना चाहिए हालांकि विराट वसुंधरा समाचार इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है कि वीडियो किसने बनाया और सूत्रों द्वारा बताए गए व्यक्तियों की पहचान सही है या नहीं लेकिन ऐसे वायरल वीडियो को संज्ञान जरूर लेना चाहिए जिससे कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।