Rewa news, तत्कालीन CMHO के फर्जी हस्ताक्षर से चलता था स्वास्थ्य विभाग, भर्ती घोटाला से खुला राज।
अर्बन नोडल, प्रभारी APM सहित कई कर्मचारियों की मिली भगत से CMHO कार्यालय में होता था फर्जीवाड़ा।
रीवा। सीएमएचओ कार्यालय के बंद कमरे में कूटरचना की ऐसी फाइल तैयार हुई है कि लगभग आधा दर्जन भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है और किसी भी तरह से इस मामले को दबाने के लिए भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी जोर जुगाड़ लगा रहे हैं पूर्व समय में सीएमएचओ कार्यालय रीवा में अनियमिताओं और भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए थे कुछ पर कार्यवाही हुई तो कुछ मामलों को जांच के दौरान लीपापोती करके मामले को रफा दफा कर दिए गए थे लेकिन इस बार जो हुआ है उसमें “गोली के घाव को गोबर से नहीं तोपा जा सकता” जैसी स्थिति है। आउटसोर्स कर्मचारीयों की भर्ती फर्जीवाड़े में जांच के दौरान जिस प्रकार से तत्कालीन सीएमएचओ ने अपना कथन अभिमत दिया है उसके बाद से जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय (सीएमएचओ) रीवा कार्यालय की कलई खुल गई है वर्तमान सीएमएचओ डॉ संजीव शुक्ला भी यह सब देखकर हैरान है कि आखिर इस कार्यालय में इससे पहले कितना गड़बड़ होता रहा है और अब व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत है वर्तमान सीएमएचओ द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती फर्जीवाड़ा में कराई गई जांच लगभग पूरी हो चुकी है मीडिया को जानकारी देते हुए सीएमएचओ द्वारा बताया गया था कि इसी सप्ताह जिला प्रशासन और रीवा संभागायुक्त कार्यालय जांच रिपोर्ट अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी।
फर्जीवाड़ा में कई अधिकारी कर्मचारी शामिल।
सूत्र बताते हैं कि आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती घोटाले में जिस तरह का बयान तत्कालीन सीएमएचओ डॉ के एल नामदेव द्वारा जांच टीम को दिया गया है उससे तो यह साबित होता है कि वह खुद कितने लापरवाह थे हालांकि यह भी सही है कि सतना से आना-जाना और नाम मात्र के लिए सीएमएचओ की कुर्सी में बैठना उनके लिए घातक साबित हुआ है और उनकी अनुपस्थिति और लापरवाही का फायदा उठाते हुए सीएमएचओ कार्यालय की भ्रष्ट धमा चौकड़ी ने उनके फर्जी हस्ताक्षर से जमकर खेल खेला है आउटसोर्स कर्मचारियों के भर्ती घोटाले में मुख्य मास्टरमाइंड डा केबी गौतम अर्बन नोडल अधिकारी और प्रभारी एपीएम शिवशंकर तिवारी सहित कई अधिकारियों क्लर्कों की भूमिका संदिग्ध है जो जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी यह मामला इतना गंभीर है कि इसमें न सिर्फ भ्रष्टाचारियों की नौकरी जाएगी बल्कि उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है और ऐसे मामलों की शिकायत लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में किए जाने की भी समाजसेवियों ने बात कही है।
रबर स्टैंप बनकर रह गए थे डॉ के एल नामदेव।
तत्कालीन सीएमएचओ डॉ केएल नामदेव सतना से रीवा आते थे इसलिए अपने पद दायित्व का निर्वहन ठीक से नहीं कर पाए थे विश्वासपात्र के रूप में उनके सहयोगी डॉक्टर केबी गौतम अर्बन नोडल अधिकारी ही सीएमएचओ का सारा काम धाम देखते थे उस दौरान देखा गया था कि डॉ केबी गौतम खुद को सीएमएचओ मानकर पूरे पावर से काम करते थे जबकि डॉक्टर बी एल मिश्रा के सीएमएचओ रहते इनकी दाल नहीं गलती थी और अर्बन नोडल अधिकारी को उन्होंने पदमुक्त भी कर दिया था लेकिन भ्रष्टाचारियों की पकड़ इतनी मजबूत होती है कि अर्बन नोडल अधिकारी डॉक्टर के बी गौतम टस से मस नहीं हुए और डॉ केएल नामदेव के सीएमएचओ बनते ही भ्रष्टाचार की झड़ी लगा दी आउटसोर्स कर्मचारी भार्ती फर्जीवाड़ा में सीएमएचओ के कूटरचित दस्तक का मामला सामने आने के बाद यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि डा केएल नामदेव के साथ कितना विश्वासघात किया गया होगा उसे दौरान सीएमएचओ के हस्ताक्षर से जारी हुए सभी आदेश और कार्यवाही अब संदेह के दायरे में है बेईमानों की धमाचौकड़ी ने सीएमएचओ को रबर स्टैंप बनाकर बेखौफ होकर उपयोग किया था।
ऐसे किया था फर्जीवाड़ा।
तत्कालीन सीएमएचओ डॉ के एल नामदेव के भरोसे का फायदा उठाते हुए अर्बन नोडल अधिकारी सहित भ्रष्ट धमाचौकड़ी ने एनएचएम के आदेश में कूटरचना करके पद बढ़ाया इसके साथ ही कैपिटल इन्फोलाइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से सहमति पत्र नहीं लिया गया और चार कर्मचारियों की जगह 12 आउटसोर्स कर्मचारियों को मनमानी तरीके से भर्ती कर दिया गया सूत्र बताते हैं कि सरकारी नौकरी का हवाला देकर बेरोजगारों से लाखों रुपए ठगे गए थे तत्कालीन सीएमएचओ के फर्जी हस्ताक्षर से 12 आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी थी इसके साथ ही एनएचएम द्वारा स्वीकृत चार पदों जिसमें दो डाटा एंट्री ऑपरेटर और दो स्पोटिंग स्टाफ पदों को कूटरचना करते हुए 12 पदों की स्वीकृति ले लिए आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करने वाली कंपनी कैपिटल इन्फोलाइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड से मांग पत्र भी नहीं लिया गया सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ भ्रष्ट धमाचौकड़ी के किए कराए पर पानी तब फिर गया जब आउट सोर्स कर्मचारी की भर्ती करने वाली कंपनी कैपिटल इन्फोलाइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने पत्र जारी कर फर्जीवाड़ा का खुलासा कर दिया था इस मामले की कई लोगों ने शिकायत कर रखी है जांच भी हो चुकी है सिर्फ इंतजार है उस फ़ाइल का जो सीएमएचओ कार्यालय से कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय आवश्यक कार्यवाही के लिए पहुंचने वाली है।