Rewa news प्रशासन के अतिक्रमण हटाते देर नहीं लगा सरहंगों ने पुनः कर दिया जाम।
मऊगंज जिले के हनुमना क्षेत्र में बीते 9 मह से आम रास्ते को कटीले तारों एवं पत्थर के पिलर की बाड़ी लगाकर बंद करने वाले सरहंगों के अवैध अतिक्रमण को मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव के आदेश पर जहां हनुमाना तहसीलदार ने जेसीबी लगाकर पुलिस की उपस्थिति में अतिक्रमण हटाते हुए आम रास्ता खुलवाकर राहत दी लेकिन वहीं पर सरहंगो ने फिर से कटीले तारों और पत्थर के पिलरों से आम रास्ते को जाम करते हुए प्रशासन को चुनौती देदी है। मामला हनुमना थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोंइड़ार के ग्राम कोन का है जहां सैकड़ो वर्षों से चालू आम रास्ते को गांव के ही कुछ सारंहंगो ने लाम बंद होकर पत्थर के पिलरों तथा कटीले तारों से 9 माह पूर्व बंद कर दिया था जिसके कारण दर्जनों ग्रामीणों का रास्ता बंद हो गया था और गांव के लोग 2 किलोमीटर घूम कर निकाल पाते थे आम रास्ता बंद करने की शिकायत ग्राम के ही 80 वर्षीय वेदांती प्रसाद शुक्ला ने की थी इस अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई और यह लड़ाई लगातार 9 माह तक लड़ने के बाद वेदांती प्रसाद की माने तो जब मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव के पास न्याय न मिलने पर आत्महत्या या गांव छोड़ने की चेतावनी दे डाली तब आनंद फानन में हनुमना तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका को भेज कर उपरोक्त बंद रास्ते को पुलिस की उपस्थिति में 17 मई 2024 को दोपहर तकरीबन 12 से 2:00 बजे के बीच ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अंतिक हटा दिया गया था उस दौरान अतिक्रमणकारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के सामने औरतों को सामने लाकर अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही का विरोध करना शुरू कर दिया था लेकिन पुलिस और राजस्व विभाग द्वारा उनकी एक न सुनी गई अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया था।
अतिक्रमण को पूर्णतया हटाने के बाद जैसे ही प्रशासन का अमला वापस लौटा उसके तुरंत बाद सभी अतिक्रमणकारियों ने पुनः पुनः कटीले तारों और पत्थर के पीलरों से उस रास्ते को बंद कर दिया है लोगों ने बताया कि अतिक्रमण कारियों द्वारा चेतावनी दी गई है कि आवश्यकता पड़ी तो तलवार और गोली भी चलाने से पीछे नहीं रहूंगा लेकिन इस जमीन को नहीं छोडूंगा,अतिक्रमणकारियों में रामलाल साकेत मनीलाल साकेत रामबक्स साकेत एवं उनकी पत्नियों तथा परिवार के लोग बताए गए हैं।
गौरतलब है कि जिस जमीन का विवाद है वह भूमि नंबर 114/1/2 जो 7 डिसमिल मध्य प्रदेश शासन का रकवा है और यह मार्ग सीधे प्रसिद्ध हाटेश्वर नाथ मंदिर को जोड़ता है सैकड़ो वर्षों से आम रास्ते के रूप मे चालू है इस प्रकार सरहंगों की सरहंगाई देखकर लगता है जब तक प्रशासन इन्हें गिरफ्तार करके और सख्त सजा नहीं देगा तब तक यह अपनी हरकतों से बाज आने वाले नहीं है और मौके पर हालात देखकर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो खून खराबा होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जनता तो जनता है अतिक्रमणकारियों ने प्रशासनिक कार्यवाही को ही खुलेआम चुनौती देते हुए हटाए गए अतिक्रमण को चंद घंटों में तार बाड़ी पत्थर के पिलर से पुनः बंद कर दिया है।