Rewa news, प्रार्थना हॉस्पिटल की एक और घटना आई सामने मृतक की पत्नी ने वीडियो वाइरल कर बताया क्या होता है अस्पताल में।
प्रार्थना हॉस्पिटल में एक के बाद एक हो रही घटनाएं विवादों से बचने देर रात दी गई मरीज के परिजनों को डेड बॉडी।
यज्ञ प्रताप सिंह, क्राइम संवाददाता
रीवा। जिला मुख्यालय समान थाना क्षेत्र स्थित प्रार्थना हॉस्पिटल में मरीजों की मौत के सिलसिला जारी है दो दिन पहले एक प्रसूता की मौत हुई थी जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आरोप लगाया था कि मरीजों से रुपए ऐंठने के लिए अच्छा खासा मरीज को ओवरडोज दवाइयां देकर गंभीर स्थिति में लाया जाता है और फिर मरीज की मौत हो जाती है पीड़ित परिजनों ने प्रसूता की मौत के बाद जमकर हंगामा किया और अस्पताल प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए उस घटना के तीसरे दिन फिर एक घटना सामने आई है जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है देखा जाए तो मरीजों की मौत सरकारी अस्पताल में भी होती हैं लेकिन वहां विवाद नहीं होता जबकि निजी अस्पतालों में उपचार के दौरान मरीजों की मौत होने के बाद लगातार आप प्रत्यारोपण का दौर जारी है मरीज के परिजन यह भी कहते हैं कि सरकारी अस्पताल से यह कहकर निजी अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी जाती है कि निजी अस्पताल में अच्छे से उपचार होगा लेकिन निजी अस्पतालों में मरीज के परिजनों से इलाज़ के लिए रुपए तो अच्छे से खींच लिए जाते हैं लेकिन उपचार सही नहीं हो पता आरोप लगते हैं कि मरीज को सीरियस बनाने के चक्कर में निजी अस्पतालों में मरीजों की जान जा रही है।
एक सप्ताह में दूसरी घटना।
वायरल वीडियो रीवा की प्रार्थना हॉस्पिटल की बताई जा रही है जो बीते एक जून की रात 12 बजे के करीब की वीडियो है जिसमे मृतक की पत्नी और उसके परिजनों का गम्भीर आरोप है की मेरे स्वस्थ पति को दवाई करके गंभीर कर दिया गया ओवरडोज दवाइयों का डोज दिया जाता है वाइरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मृतक की पत्नी चिल्ला कर कह रही है कि मेरे पति को मार दिया गया है महिला कह रही है कि मेरे पति स्वस्थ हो गए थे हम लोग छुट्टी माग रहे थे लेकिन छुट्टी नहीं दी गई और ओवरडोज दवाइयां देकर गंभीर हालत में कर दिया गया जिससे उनके पति की मौत हो गई इसके साथ ही महिला यह भी आरोप लगा रही है कि अधिक रुपए वसूलने के लिए मौत के बाद भी वेंटिलेटर में रखा गया और रात को हॉस्पिटल से छुट्टी भी इसीलिए दी गई है की विवाद ना हो मरीज की मौत के बाद अस्पताल में लाश को भर्ती रखना कोई नया आरोप नहीं है अन्य अस्पतालों में भी इस तरह से आरोप लग चुके हैं ठीक उसी तरह प्रार्थना हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को मौत होने के बाद इलाज जारी रखने का आरोप लगाया गया है वाइरल वीडियो में रोती बिलखती महिला कह रही है की उसके पति की मौत हो जाने के बाद भी 14 हजार से ज्यादा की दवाइयां और बहुत सारे जांच भी करवाए गए थे देखा जाए तो एक सप्ताह में यह दूसरी घटना सामने आई है जहां प्रार्थना हॉस्पिटल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगा है।
निजी अस्पतालों को बढ़ावा देने सरकारी अस्पतालों को किया जा रहा उपेक्षित।
विंध्य क्षेत्र की सबसे बड़ी अस्पताल संजय गांधी अस्पताल रीवा जिले ही नहीं विंध्य क्षेत्र के सतना सीधी शहडोल उमरिया और अनूपपुर जिले तक के लोग उपचार करने आते हैं सरकार ने अस्पताल में सभी तरह की सुविधा दे रखी है जिला अस्पताल में भी मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था की गई है और योग्य डॉक्टरों की पदस्थापना सभी तरह की जांच सुविधा की व्यवस्था की गई है लेकिन सरकारी अस्पतालों को जानबूझकर इसलिए उपेक्षित किया जा रहा है कि निजी अस्पतालों में बेहतर इलाज के नाम पर मरीज को लूटा जा सके और इसके लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज के दिमाग में यह भर दिया जाता है कि सरकारी अस्पताल में ठीक तरह से इलाज नहीं हो पाएगा और इसका कारण भी है कि अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर वेतन तो सरकार से लेते हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए समय नहीं देते अपने घरों या निजी क्लीनिक में मरीजों को देखकर मोटी रकम फीस के रूप में वसूलते हैं और फिर बेहतर इलाज करने का हवाला देकर निजी अस्पतालों में भेज देते हैं डॉक्टरों की क्लीनिक में काम करने वाले कर्मचारी और नर्स मरीज को निजी अस्पताल में इलाज कराने की सलाह देते हैं बेहतर इलाज की चाहत में मरीज के परिजन निजी अस्पतालों की चंगुल में फंस जाते हैं और फिर उनके साथ क्या होता है यह कहने की जरूरत नहीं है इसके पीछे यही कारण बताया जाता है कि सरकारी अस्पताल को जानबूझकर उपेक्षित किया जा रहा है जिससे कि निजी अस्पतालों को बढ़ावा दिया जा सके।