रीवा . इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी का असर वन्यजीवों पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। हाल के दिनों में कई जगह जंगली जानवर पानी की तलाश में भटककर गांव तक पहुंचे हैं, जिन्हें रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया। अब मधुमक्खियों के मरने की सूचना भी सामने आई है। इसके बाद से वन विभाग अलर्ट पर आ गया है और जंगल के उन क्षेत्रों में मधुमक्ख्यिों के लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है, जहां पर उनके छत्ते लगे हुए हैं।
जिले में अंतरैला वन परिक्षेत्र के ओबरी बीट के वनक्षेत्र में बड़ी संख्या में मधुमक्ख्यिों के छत्ते लगे हुए हैं। यहां की शहद बाजार में भी बेची जा रही है। इस बीच वन विभाग को सूचना मिली कि बीते कई दिनों से बड़ी संख्या में मधुमक्ख्यिां मरती जा रही हैं। इस संबंध में वन रक्षक कृष्णकांत दहिया ने कई मधुमक्खियों को मरा हुआ पाया तो इसकी सूचना अधिकारियों को दी। डीएफओ ने वन परिक्षेत्र अधिकारी शुभम दुबे को मौके पर भेजा तो पता चला कि मधुमक्ख्यिां तेजी के साथ मर रही हैं।
आसपास के ग्रामीणों और कुछ विशेषज्ञों को भी वहां पर ले जाकर इसकी वस्तुस्थिति का पता लगाने का प्रयास किया गया। इसमें यह भी आशंका थी कि किसी रसायनिक पदार्थ की वजह से भी नुकसान हो सकता है, लेकिन यह बात सामने आई है कि कड़ी धूप के साथ ही पानी पर्याप्त नहीं है, जिसकी वजह से मौतें हो रही हैं। जंगल के बाहर कई जगह पुराने झरने और कुंडों में मधुमक्ख्यिों को देखा जा रहा है। इस कारण वन विभाग ने अब तय किया है कि जहां पर भी अधिक संख्या में छत्ते लगे हैं, वहां पर टब या फिर झरनों में पानी डाला जाएगा ताकि मधुमक्ख्यिों को बचाया जा सके। वन मंडलाधिकारी अनुपम शर्मा ने बताया कि जिस गति से मधुमक्खियों की मौत हो रही है, वह चिंता का विषय है। इस कारण हर जगह पानी उपलब्ध कराना संभव नहीं है लेकिन जहां पर सहजता से पहुंचाया जा सकता है,वहां पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं।