- Advertisement -

- Advertisement -

मुख्यमंत्री के फरमान बाद भी सड़कों पर भटकते गौवंशों के लिए कोई नहीं हुआ इंतजाम।

- Advertisement -

मुख्यमंत्री के फरमान बाद भी सड़कों पर भटकते गौवंशों के लिए कोई इंतजाम नहीं।

 

भोपाल से दो बार सीएम ने सड़कों पर भटकते गौवंशों को हटाने का दिया था आदेश।

 

- Advertisement -

9893569393 विराट वसुंधरा सीधी:-
सड़कों पर आवारा भटकते गौवंशों की समस्या मात्र सीधी जिले तक सीमित नहीं है बल्कि प्रदेशभर मे ये समस्या उफान पर बनी हुई है।तभी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस समस्या की गंभीरता को समझा और इसे लेकर उन्होंने फरवरी माह के दौरान भोपाल से दो बार आदेश दिए।ये दोनों आदेशो मे एक जो बात समान थी,वह यह थी कि सड़कों पर गौवंश नहीं भटकने चाहिए, इसके लिए हर जिले मे आवश्यक इंतजाम किए जाए।बावजूद इसके सीधी जिले मे सीएम के दो-दो बार दिए गए फरमानों के मद्देनजर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।सड़कों पर हमेंशा की तरह आज भी आवारा मवेशी भटक रहे हैं और सड़क पर जगह-जगह झुंड खड़े या बैठे रहते है।स्थिति ये है कि प्रशासनिक महकमे के जिम्मेदार कह रहे हैं कि अभी उन्हें इस मामले के संबंध मे कोई आदेश नहीं मिले हैं।ऐसे मे यह सवाल उठता है कि सीएम के इन आदेशों का पालन करने मे गड़बड़ी कहां से हो रही हैं?

 

कब-कब सीएम ने दिए निर्देश?:-
6 फरवरी को भोपाल मे सीएम ने प्रदेश स्तरीय सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान निर्देश दिए थे कि मवेशी रोड को बाधित करते हैं, उन्हें हटाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
21 फरवरी 2023:-
21 फरवरी को भोपाल मे गौवंश संवर्धन बोर्ड की बैठक दौरान सीएम ने निर्देश दिया था कि सड़कों पर गौवंश न दिखे।इसके लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर गौशालाओं का निर्माण कराया जाए और अन्य आवश्यक प्रयास किए जाए।

 

गौवंशों के लिए सरकारी महकमे की भूमिका:-
जिले मे गौशालाओं की क्या स्थिति है यह किसी से छिपी नहीं है।सरकारी रिकार्ड मे चाहे जितनी भी संख्या गौशालाओं की दर्ज हो लेकिन हकीकत मे जमीनी स्तर पर जिले मे कुछ ही गौशालाएं संचालित है,जो अक्सर सरकारी मदद के अभाव से जूझती रहती है।घायल होने वाले आवारा मवेशियों के इलाज के लिए शहर क्षेत्र मे सक्रिय युवाओं की गौ सेवा संस्थान के सहारे ही कुछ उम्मीद बनी है गौशाला की,लेकिन इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने मे भी लंबा समय है और ये प्रयास भी प्रशासनिक स्तर से कम और इन युवाओं की सक्रियता से ही इस स्थिति तक पहुंच सका है।यानि कुल मिलाकर आवारा मवेशियो या भटकते गौवंशों को लेकर जिले मे सरकारी महकमे की ओर से इंतजाम आज तक कोई कारगर इंतजाम देखने को नहीं मिले हैं और न ही सीएम द्वारा दिए गए निर्देश के बाद कुछ बदला है।

- Advertisement -

Comments (0)
Add Comment